भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव का सियासी डेब्यू, छपरा से RJD के टिकट पर उतरे मैदान में
Bihar political news: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार राजनीति और मनोरंजन की दुनिया का दिलचस्प संगम देखने को मिल रहा है। भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और सिंगर खेसारी लाल यादव अब सियासी पारी शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने छपरा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। यह खेसारी का पहला चुनाव है, और उनके मैदान में उतरने से यह सीट अचानक सुर्खियों में आ गई है।
असली नाम शत्रुधन कुमार, शिक्षा 10वीं तक
निर्वाचन आयोग को दिए गए हलफनामे में खेसारी लाल यादव ने खुलासा किया है कि उनका असली नाम शत्रुधन कुमार है। उन्होंने अपनी शिक्षा का विवरण देते हुए बताया कि उन्होंने वर्ष 2003 में रामानंद उच्च विद्यालय से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की। भले ही औपचारिक शिक्षा सीमित रही हो, लेकिन मनोरंजन जगत में उन्होंने अपनी मेहनत और आवाज़ से वह मुकाम हासिल किया है जो आज उन्हें राजनीतिक मंच तक लेकर आया है।
31 करोड़ की संपत्ति, करोड़ों की कार और जेवरात
खेसारी लाल यादव के हलफनामे के मुताबिक उनके पास कुल 16.89 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 7.91 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। उनकी पत्नी चंदा देवी के नाम 90.02 लाख की चल और 6.49 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति दर्ज है।
इस तरह दोनों की कुल संयुक्त संपत्ति लगभग 31 करोड़ रुपये के करीब बैठती है। उन्होंने बताया कि उनके पास 5 लाख रुपये नकद, जबकि उनकी पत्नी के पास 2 लाख रुपये नकद हैं। बैंक खातों में खेसारी लाल के नाम 9.24 करोड़ रुपये से अधिक, और उनकी पत्नी के खाते में 18 लाख रुपये से ज्यादा जमा हैं। खेसारी लाल यादव के पास 3 करोड़ रुपये की डिफेंडर कार और 35 लाख रुपये के सोने के जेवरात हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास करीब 2.5 लाख रुपये के गहने हैं।
भोजपुरी से राजनीति तक- नई भूमिका में खेसारी
भोजपुरी फिल्मों और संगीत की दुनिया में बड़ा नाम बना चुके खेसारी लाल यादव अब अपनी लोकप्रियता को जनसेवा के रूप में बदलना चाहते हैं। छपरा से उनका मुकाबला अनुभवी नेताओं से होगा, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि खेसारी की जनप्रिय छवि, सोशल मीडिया उपस्थिति और ज़मीनी जुड़ाव उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है।
छपरा सीट अब सिर्फ एक चुनावी मैदान नहीं, बल्कि बिहार की सियासी चर्चा का केंद्र बन चुकी है। खेसारी लाल यादव का कहना है, मैं राजनीति को मंच नहीं, सेवा का माध्यम मानता हूं। जनता के आशीर्वाद से जो मिला, अब उसी जनता के लिए काम करने का समय है।