Bihar Election 2025: मोकामा हत्याकांड के बाद चुनाव आयोग सख्त-मुख्य चुनाव आयुक्त बोले, “हिंसा पर जीरो टॉलरेंस, शांतिपूर्ण मतदान हमारी प्राथमिकता”

 

Bihar political news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच प्रदेश की सियासत लगातार उफान पर है। मोकामा में जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या और जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद जहां पूरे राज्य का माहौल गरमा गया है, वहीं अब मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है।

रविवार को कानपुर स्थित आईआईटी परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार चुनाव को लेकर कहा- “निर्वाचन आयोग की हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति है। किसी भी तरह की हिंसक घटना या दबाव की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मतदाताओं को पूरी सुरक्षा और निष्पक्ष माहौल में मतदान का अवसर मिलेगा।”

“मतदाता भयमुक्त होकर करें मतदान”

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग की पूरी मशीनरी तैयार है। बड़ी संख्या में पुलिस बल, रिटर्निंग ऑफिसर और जिला प्रशासनिक अधिकारी चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने में जुटे हैं।
“हमारा उद्देश्य है कि बिहार का यह चुनाव विश्व के लिए एक मानक बने। मतदाताओं से अपील है कि लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़कर भाग लें और निर्भीक होकर मतदान करें।”

मोकामा की घटना पर आयोग का सख्त संदेश

यह बयान उस समय आया है जब 30 अक्टूबर को मोकामा में दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस दौरान वे जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी की रैली में मौजूद थे।
इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मच गई थी। पुलिस ने तेजी दिखाते हुए जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह को गिरफ्तार किया। वहीं, निर्वाचन आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मोकामा के कई वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है।

“आयोग सबके लिए समान है”

ज्ञानेश कुमार ने दो टूक कहा कि निर्वाचन आयोग पूरी तरह तटस्थ और पारदर्शी है।

“बिहार में हर राजनीतिक दल अपनी रणनीति के साथ मैदान में है, लेकिन आयोग के लिए न कोई सत्ताधारी है, न विपक्षी। हम सभी के लिए समान रूप से निष्पक्ष हैं। आयोग का एकमात्र लक्ष्य- न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और विश्वसनीय चुनाव।” उन्होंने बताया कि पहले चरण का मतदान 6 नवंबर, दूसरा चरण 11 नवंबर और मतगणना 14 नवंबर को होगी।

“दुनिया को दिखाएंगे भारत का लोकतंत्र”

मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि आयोग की कोशिश है कि बिहार का यह चुनाव पारदर्शिता, दक्षता और तकनीकी सुगमता का नया उदाहरण बने।

“हम यह दिखाना चाहते हैं कि भारत का लोकतंत्र कितना मजबूत और जिम्मेदार है। 243 रिटर्निंग ऑफिसर, उतने ही पर्यवेक्षक, सभी डीएम, एसपी, एसएसपी और सुरक्षा बल पूर्ण तैयारी में हैं।”मोकामा की हालिया वारदात के बाद आयोग का यह सख्त रुख साफ़ संदेश देता है कि इस बार हिंसा या पक्षपात की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।