Bihar Election 2025: पहले चरण के नामांकन ने खोली सियासी बिसात- अनुभव बनाम पहचान की जंग में उतरे नए और पुराने चेहरे

 

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन के साथ ही राज्य की सियासत में फिर से हलचल तेज़ हो गई है। 18 जिलों की 121 सीटों पर अब तक 1198 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। यह आंकड़ा न सिर्फ राजनीतिक दलों की सक्रियता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि पुराने अनुभव बनाम नई पहचान की लड़ाई बनने जा रहा है।

नामांकन की झलक

पहले चरण के चुनाव के लिए 1198 नामांकन पत्र दाखिल हुए हैं।
    •    नामांकन पत्रों की जांच: 18 अक्टूबर
    •    नामांकन वापसी की अंतिम तिथि: 20 अक्टूबर

इनमें सत्ताधारी गठबंधन से लेकर विपक्षी खेमों तक, हर दल ने अपने दांव सावधानी से चले हैं।

बड़े नाम और चर्चित चेहरे

इस बार के पहले चरण की सबसे बड़ी खासियत यह है कि पारंपरिक नेताओं के साथ-साथ लोकप्रिय चेहरे और कलाकार भी चुनावी मैदान में हैं।
    •    मंगल पांडेय (भाजपा) – सीवान से
    •    मैथिली ठाकुर (लोक गायिका) – अलीनगर से
    •    खेसारी लाल यादव (लोक गायक) – छपरा से
    •    दीपा मांझी (जीतनराम मांझी की बहू) – इमामगंज से

ये नाम दिखाते हैं कि पार्टियाँ अब जन-लोकप्रियता और सोशल मीडिया प्रभाव को भी वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने लगी हैं। बिहार की राजनीति में यह एक नया दौर है- “सेलिब्रिटी पॉलिटिक्स” का दौर।

कांग्रेस और वाम दलों की चाल

वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के घटक दल अपने पारंपरिक सामाजिक समीकरणों और वैचारिक राजनीति पर टिके हुए हैं।
कांग्रेस ने इस चरण में कई पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है:
    •    ऋषि मिश्र – जाले से
    •    अमरेश कुमार – लखीसराय से
    •    वी.के. रवि (पूर्व डीजीपी) – रोसड़ा (सु) से
    •    बिजेंद्र चौधरी – मुजफ्फरपुर से

वामदलों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है-
    •    भाकपा के मोहित पासवान (राजापाकड़), शिव प्रकाश यादव (बिहारशरीफ)
    •    माकपा के सत्येंद्र यादव (मांझी) और श्यामा भारती (हायाघाट) 

इन उम्मीदवारों के जरिए महागठबंधन ने साफ संदेश दिया है कि वह विचारधारा की राजनीति को अब भी ज़िंदा रखना चाहता है।

नामांकन संख्याएँ और क्षेत्रीय तस्वीर

कई जिलों में नामांकन का आंकड़ा दिलचस्प रहा-
    •    वैशाली ज़िले में सबसे अधिक नामांकन (120 से अधिक), जिसमें हाजीपुर से 21 उम्मीदवार मैदान में हैं।
    •    समस्तीपुर, सारण और बेगूसराय में भी प्रत्याशियों की लंबी कतारें दिखीं।

इससे यह भी साफ होता है कि कई सीटों पर मतों का बिखराव निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

अनुभव बनाम नई पहचान

जहाँ भाजपा और जदयू जैसी पार्टियाँ अनुभवी चेहरों और सरकारी कामकाज को मुद्दा बना रही हैं, वहीं विपक्षी दल युवाओं, कलाकारों और समाजसेवियों के सहारे नई पहचान की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं।
यह चुनाव अब सिर्फ सीटों का नहीं बल्कि “छवि और जनविश्वास” का चुनाव बनता दिख रहा है।

सियासी नज़रिया

पहले चरण के नामांकन ने यह साफ कर दिया है कि बिहार की राजनीति बदल रही है। जहाँ एक ओर पुराने दिग्गजों के सामने अपनी परंपरागत पकड़ बचाए रखने की चुनौती है, वहीं नए चेहरों को अपने जनप्रिय आकर्षण को वोट में बदलने की परीक्षा देनी होगी। 2025 का यह चुनाव सिर्फ दलों की ताकत नहीं, बल्कि यह तय करेगा कि बिहार का मतदाता अनुभव को चुनेगा या नई पहचान को मौका देगा।