गुजरात को निवेश, बिहार को मजदूर- ये दोहरा चरित्र अब नहीं चलेगा: मनोज झा का तीखा वार
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सियासी संग्राम में अब घोषणापत्रों की जंग तेज हो गई है। एनडीए की ओर से जारी ‘संकल्प पत्र 2025’ ने जैसे ही सियासी माहौल में हलचल मचाई, विपक्षी दलों ने तुरंत पलटवार शुरू कर दिया। राजद के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता प्रो. मनोज झा ने एनडीए के संकल्प पत्र को “तेजस्वी यादव के एजेंडे की आधी-अधूरी नकल” बताते हुए तीखा हमला बोला।
मनोज झा ने कहा कि एनडीए ने रोजगार, महिला सशक्तिकरण और किसान कल्याण जैसे मुद्दों पर वही वादे दोहराए हैं जो पहले से तेजस्वी यादव के घोषणापत्र का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “यह सिर्फ शब्दों का जाल है, जिसमें न नीयत दिखती है, न दृष्टि। विकास की आत्मा इसमें पूरी तरह गायब है।”
राजद सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार को सच में बिहार की चिंता होती, तो उसे वही महत्व दिया जाता जो गुजरात को दिया जाता है। झा ने कहा, “यह दोहरा रवैया अब नहीं चलेगा जहां गुजरात को निवेश मिलता है और बिहार सिर्फ मजदूर भेजता है। बिहार के नौजवान अब मजदूर नहीं, निर्माता बनना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर बिहार को गुजरात जैसी औद्योगिक सुविधाएं और निवेश नहीं मिला, तो एनडीए का यह संकल्प पत्र सिर्फ भाषणबाज़ी का दस्तावेज बनकर रह जाएगा। झा ने इसे “बिहार की अस्मिता और आत्मसम्मान का चुनाव” करार दिया।
मनोज झा ने कहा, “यह चुनाव सत्ता का नहीं, पहचान का सवाल है। बिहार ने देश को बुद्ध भी दिया और नेतृत्व भी, लेकिन उसे हमेशा पीछे रखा गया। अब वक्त है बराबरी का हक़ मांगने का।”
राजद नेता ने दावा किया कि महागठबंधन और तेजस्वी यादव का घोषणापत्र बिहार के असली मुद्दों- रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, “अगर एनडीए को सच में बिहार का विकास चाहिए, तो पहले अपने दोहरे रवैये को खत्म करे। वरना यह संकल्प पत्र नहीं, छलपत्र साबित होगा।”