बिहार चुनाव से पहले राजद में बड़ी सफाई, तेजस्वी ने दिखाया 37 नेताओं को बाहर का रास्ता!
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की सियासत दिन-ब-दिन गरमाती जा रही है। एक ओर जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच सियासी जंग तेज़ है, वहीं दूसरी ओर आरजेडी के अंदर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का दौर जारी है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं पर सख्ती दिखाते हुए एक झटके में 10 और नेताओं को निष्कासित कर दिया है। इससे पहले 27 अक्टूबर को 27 नेताओं को पार्टी से निकाला जा चुका था। यानी, अब तक कुल 37 नेताओं पर गाज गिर चुकी है, जिनमें कई पूर्व विधायक और महिला नेता भी शामिल हैं।
तेजस्वी यादव की सख्त कार्रवाई- 10 और नेता बाहर
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, निष्कासित नेताओं पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव प्रचार करने का आरोप है। कुछ नेताओं ने तो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया था। इन नेताओं को “अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों” में शामिल पाया गया, जिसके बाद पार्टी ने कठोर कार्रवाई करते हुए निष्कासन का निर्णय लिया।
निष्कासित नेताओं की सूची में ये नाम प्रमुख हैं:
• फतेह बहादुर सिंह (विधायक, डेहरी)
• सतीश कुमार (प्रदेश उपाध्यक्ष)
• मो. सैयद नौसादुल नवी उर्फ पप्पू खां
• मो. गुलाम जिलानी वारसी (पूर्व विधायक)
• मो. रियाजुल हक राजू (पूर्व विधायक)
• अमोद कुमार मंडल (प्रदेश महासचिव)
• जिप्सा आनंद (प्रदेश महासचिव)
• वीरेंद्र कुमार शर्मा
• ई. प्रणव प्रकाश
• राजीव रंजन उर्फ पिंकू
पहले भी 27 नेताओं पर गिरी थी गाज
27 अक्टूबर को आरजेडी ने छोटे लाल राय (विधायक, परसा) और गोविंदपुर विधायक मोहम्मद कामरान सहित 27 नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित किया था।
इनमें कई पूर्व विधायक, पूर्व एमएलसी और वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल थे। कई निष्कासित नेताओं ने बाद में तेज प्रताप यादव की नई पार्टी “जनशक्ति जनता दल” का दामन थाम लिया| गौरतलब है कि तेज प्रताप यादव खुद भी पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किए जा चुके हैं। ऐसे में अब तेजस्वी यादव ने यह साफ संदेश दिया है कि “पार्टी में अनुशासन तोड़ने वालों के लिए कोई जगह नहीं।”
चुनाव से पहले सख्ती का सियासी संकेत
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि
तेजस्वी यादव की यह कार्रवाई सिर्फ संगठनात्मक नहीं, बल्कि राजनीतिक सन्देश भी है कि पार्टी में एक ही नेतृत्व की लाइन पर चलने वालों को ही जगह मिलेगी। चुनाव से पहले इस तरह की सख्त कार्रवाई से तेजस्वी अपने समर्थकों के बीच मजबूत और निर्णायक नेता के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिश में हैं।
क्या यह ‘राजद में घर की सफाई’ का संकेत है?
आरजेडी सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव का यह कदम “पार्टी की सफाई अभियान” का हिस्सा है। नेताओं से साफ कहा गया है कि जो पार्टी लाइन से हटकर चलेगा,
उसे “राजद परिवार से बाहर का रास्ता” दिखा दिया जाएगा। तेजस्वी का यह एक्शन पार्टी में अनुशासन कायम करने के साथ-साथ नए उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश देने वाला कदम माना जा रहा है कि “राजद अब बगावत बर्दाश्त नहीं करेगा।”