बिहार में एक विधवा को शादी करना पड़ा भारी, पंचों ने दी गांव से निकलने की धमकी

 

बिहार के मुजफ्फरपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर शायद आपको अचरज होगा. दरअसल मुजफ्फरपुर की पंचायत ने एक विधवा को शादी पर गांव छोड़ने का फरमान सुनाया है. उसे 25 जुलाई तक की मोहलत दी गई है. इतना ही नहीं उस महिला को ऐसा नहीं करने पर अंजाम भुगतने को तैयार रहने की धमकी भी दी गई है. पंचों के फरमान से परेशान दंपति ने अब एसएसपी और जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.

आपको बता दें कि मामला गंडक नदी दियारा की चांदकेवारी पंचायत के धरफरी गांव का है. पीड़ित महिला का नाम अनुराधा कुमारी है, दो गांव में आंगनबाड़ी सेविका के रूप में काम करती है. अनुराधा को पहले पति से तीन बच्चे हैं. बताया जा रहा है कि अनुराधा के पति सुनील साह की एक साल पहले मौत हो गई थी. जिसके बाद से वह अपने सास- ससुर और तीनों बच्चों के साथ रह रही थी. इस दौरान पड़ोस में रहने वाले धर्मेंद्र कुमार नाम के युवक से उसकी मुलाकात हुई. बाद में दोनों का प्यार परवान चढ़ा और उन्होंने शादी करने का फैसला किया.

फिर दोनों ने 16 जून 2022 को पूर्वी चम्पारण के केसरिया मंदिर में जाकर शादी रचा ली, फिर मुजफ्फरपुर न्यायालय में 15 जुलाई 2022 को कानूनन शादी कर पति के साथ रहने लगी. इधर, इस शादी से आस-पड़ोस के लोग काफी गुस्से में आ गए. फिर क्या 17 जुलाई 2022 को गांव में ही पंचायत बुलाई गई. पंचों ने आपसी निर्णय लेते हुए 25 जुलाई तक दंपती को गांव छोड़ देने का फरमान जारी कर दिया. पीड़ित दंपती ने बताया कि स्थानीय जयराम साह के नेतृत्व में पंचायत बुलाई गई. हम दोनों को पंचाें ने 25 जुलाई तक गांव छोड़ने का आदेश दिया है. गरीब परिवार की बेटी या किसी विधवा की शादी के लिए सरकार 51000 की आर्थिक सहायता प्रदान करती है, लेकिन पंचों के इस तरह के अजीबोगरीब फैसले से हमारा जीना मुहाल हाे गया है.