बिहार में 7 जनवरी से होगी जाति आधारित जनगणना, पहले चरण में वीआईपी इलाकों से होगी गिनती 
 

 

बिहार में जाति आधारित जनगणना की शुरूआत 7 जनवरी से होगी. जातीय जनगनणा दो चरणों में कराया जाएगा. पहले चरण में आवासीय मकानों की गिनती होनी है. इसकी शुरूआत पटना के वीआईपी इलाकों से होनी है, जहां अधिकारियों और विधायकों, मंत्रियों के आवास हैं. 7 जनवरी से प्रारंभ होने वाले जातीय गणना के पहले चरण में प्रत्येक मकान में नंबर डाला जाएगा. इसके आलावा घर के मुखिया का नाम और घर के सदस्यों का नाम लिखा जाएगा. 21 जनवरी तक आवासीय मकानों की गिनती होगी. 

पहले चरण में मकानों की गिनती पूरी होने के बाद दूसरे चरण में अप्रैल महिने में प्रत्येक मकानों में रहने वाले लोगों की सम्पूर्ण जानकारी भरी जाएगी. इसके तहत जाति, पेशा सहित 26 कॉलम का फॉर्म भरा जाएगा. जाति की गणना डिजिटल माध्यम से भी की जाएगी और इसमें एंड्राइड फोन का प्रयोग होगा. इसमें सवालों का खाका होगा, जिसमें स्थान, जाति, परिवार में लोगों की संख्या, उनका पेशा और वार्षिक आय ये अपलोड करना होगा.  सरकार को उम्मीद है कि पहले चरण दो या तीन महीने में पूरा कर लिया जाएगा. सामान्य प्रशासन विभाग ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि डीएम अपने हिसाब से शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, मनरेगा या जीविका श्रमिकों से जनगणना कर्मियों का चयनकर सकते हैं. इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग देकर इस काम लगाया जाएगा.

बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना को लेकर खूब सियासत भी हुई है.  तेजस्वी यादव जब विपक्ष में थे तब उन्होंने जातीय जनगणना नहीं कराए जाने पर दिल्ली मार्च करने की बाद कही थी. वहीं इसको लेकर 23 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मिलकर देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की थी जिसे केंद्र ने नहीं माना. इसके बाद राज्य सरकार ने अपने खर्च पर जातीय गणना कराने का निर्णय लिया.