मुख्यमंत्री नीतीश का पुलिस अधिकारियों को निर्देश, हर दिन बिहार की जनता को बतायें कि आप क्या करते है काम 

 

बिहार में अब महागठबंधन की सरकार है. राज्य में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है तब से बिहार में अपराध की घटनाओं में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है. वहीं इस अपराध की घटनाओं को लेकर बीजेपी जो है वो लगातार नीतीश सरकार पर हमला तेज कर दी है. वैसे इन सबको लेकर भाजपा की तरफ से फिर से प्रचारित किया जाने लगा है कि सूबे में एक बार फिर से जंगलराज का आगाज हो गया. वहीं दूसरी तरफ बिहार में बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज लॉ एंड आर्डर पर समीक्षा बैठक की, ये बैठक सीएम आवास में हुई.  बैठक में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी एसके सिंघल समेत पुलिस के सभी आला अधिकारी मौजूद थे. 

दरअसल बैठक में हाल के दिनों में सामने आए बड़े आपराधिक मामलों पर चर्चा की गई खास कर पटना में जिस तरह से थाने में घुसकर एक वर्ग विशेष के लोगों ने डीएसपी-थानेदार से धक्का-मुक्की की, इसके बाद  नीतीश कुमार की छवि पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने आज लॉ एंड ऑर्डर पर हाईलेवल मीटिंग की. मीटिंग में खास तौर पर कहा गया है कि पुलिस मुख्यालय हर दिन बिहार की जनता को बतायें कि वो क्या काम किए है. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉ एंड ऑर्डर की मीटिंग में अधिकारियों से कहा कि अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें. गंभीर आपराधिक घटनाओं पर की गई कार्रवाई के संबंध में एडीजी मुख्यालय प्रतिदिन मीडिया को अवगत कराएं. सोशल मीडिया पर भी इस संबंध में जानकारी दी जाएगी. एडीजी मुख्य़ालय घटना की पूरी जानकारी बिहार की जनता को बतायें. ताकि लोगों को पूरी बात की जानकारी हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध अनुसंधान के कार्य में तेजी लाएं. साथ ही इसे समय से पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके. गश्ती व्यवस्था को और सुदृढ़ करें और इसकी निगरानी रखें. जमीन संबंधी विवाद खत्म करने के लिए हर महीने में एक बार डीएम और एसपी, 15 दिनों में एसडीएम और एसडीपीओ तथा सप्ताह में 1 दिन अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष नियमित रूप से बैठक करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि 60% से अधिक हत्या भूमि विवाद के कारण होती है. लैंड सर्वे एंड सेटेलमेंट का काम भी तेजी से हो, ताकि भूमि विवाद को लेकर होने वाले अपराध में कमी आए. मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय मानक के अनुसार प्रति एक लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की स्वीकृत पदों की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर तेजी से काम करें. साथ ही स्पीडी ट्रायल में तेजी लाई जाए.