अश्विनी चौबे के संयोजन में बक्सर सनातन संस्कृति समागम महाकुंभ में हुआ तब्दील 
 

 

एक तरफ संत बक्सर के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व को विश्व पटल पर लाने का मंथन कर रहे हैं. वहीं सांस्कृतिक विरासत के साथ विकास को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के निमंत्रण पर 14 नवंबर को केंद्रीय राज मार्ग परिवहन सड़क मंत्री नितिन गडकरी बक्सर पहुंच रहे हैं. नितिन गडकरी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाली आरा-बक्सर का उदघाटन करेंगे.

 

बता दें माता अहिल्या धाम अहिरौली बक्सर में श्री राम के पांचवे दिन जगतगुरू रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि, मैं बक्सर कथा कहने नही आया हूं मैं यहां कुछ करने आया हूं और आप सभी से आग्रह है मुझे कुछ करने दीजिए . उन्होंने कहा कि, भगवान श्री राम की प्रतिमा का ग्यारह वर्षीय स्वरूप होगा जिसकी ऊंचाई 1000 फीट होगी । उन्होंने बताया प्रतिमा निर्माण के लिए अपनी संस्था तुलसी पीठ के माध्यम से नौ लाख का सहयोग दूंगा। मैं चाहूंगा की बक्सर संसदीय क्षेत्र का एक भी घर सहयोग से वंचित ना रहे । मेरी यह हार्दिक इच्छा है कि प्रतिमा 2024 तक बनकर तैयार हो जाए.  हमारा राष्ट्र धर्म निरपेक्ष नहीं हो सकता क्योंकि धर्म का अर्थ होता है कर्तव्य और कर्तव्य ही नही रहेगा तो हम करेगे क्या ?
  
जगतगुरू रामभद्राचार्य जी महाराज ने कथा में कहा कि, यज्ञ के बिना कोई भी शुभ कार्य नही होता. दशरथ ने यज्ञ किया तो प्रभु श्री राम का जन्म हुआ । विश्वामित्र ने यज्ञ किया तो तड़का का वध हुआ । महर्षि विश्वामित्र ने राजा दशरथ के सामने श्री राम की मांग रखते हुए कहा कि  "मुझे  मोक्ष चाहिए ना स्वर्गधाम चाहिए। कौशल्या कुमार मुझे राम चाहिए " उनके जवाब में राजा दशरथ कहते है कि "हाथ जोड़ी पाव पड़ी करीला विनितीय हे बक्सर के बाबा देत ना बनेला बबुआ राम हे बक्सर के बाबा "