पार्टी विरोधी गतिविधियों को देख, JDU ने राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण सिंह को पार्टी से निकाला
 

 

आपसी टकराहट और वर्चस्व की लड़ाई से जूझ रही जदयू अब उन लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा रही है जो पार्टी लाइन से हटकर किसी नेता विशेष के लिए काम करते हैं. जी हां जदयू ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण सिंह को पार्टी से हटा दिया है. इसकी जानकारी पार्टी ने खुद प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है. जदयू से मिली जानकारी के अनुसार प्रवीण सिंह लगातार पार्टी विरोधी गितिविधियों में संलिप्त थे. इसके कारण जदयू ने उन पर कार्रवाई की है. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के पद सहित पार्टी की अन्य सभी जिम्मेदारियों व प्राथमिक सदस्यता से मुक्त कर दिया है.

आपको बता दें कि पत्र में साफ लिखा हुआ है कि पार्टी का अनुशासन पार्टी का निर्णय एवं पार्टी नेतृत्व के प्रति वफादारी ही दल का मूल मंत्र होता है पिछले कई महीनों से दल के अंदर पदाधिकारी रहते हुए प्रवीन सिंह विरोधी कार्यक्रम में संलिप्त पाए गए. उनके आचरण से साफ़ है कि वो दल के अनुशासन के बंधन में रहना नहीं चाहते हैं. मिली जानकार के अनुसार प्रवीण सिंह बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा में पूर्व महासचिव रह चुके हैंं. शाहिद हसन रांची यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत्त प्राध्यापक हैं. जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की झारखंड इकाई के प्रभारी भी रह चुके हैं. इसके बाद उन्हें पिछले साल जदयू का राष्ट्रीय महासचिव के पद पर नियुक्त किया गया था. फिलहाल जदयू ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है.

 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU में इन दिनों अनुशासन का डंडा चल रहा है. कुछ ही दिन पहले ये फरमान जारी किया गया था कि अनुशासनहीनता बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी और ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होगी. जदयू वैसे सभी नेताओं पर कार्यवाही करेगी जो लोग चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल रहे. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने इसका ऐलान खुद किया है.

बता दें कि ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ही जदयू के अंदर खेमेबाजी शुरू हो गयी हैं. वैसे कई बार आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच आपसी टकराहट और वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिली है. इससे पहले जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने निर्देश जारी किया था कि जदयू के पोस्टर-बैनर में अब केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर ही दिखेगी. सीएम के अलावा किसी अन्य नेताओं की तस्वीर लगाए जाने को अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखा जाएगा. साथ ही आपसी टकराहट और वर्चस्व की लड़ाई से परेशान जदयू ने तय कर लिया है कि उन लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, जो पार्टी लाइन से हटकर किसी नेता विशेष के लिए काम करते हैं.

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