राजभवन में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल एवं पुडुचेरी दिवस का आयोजन किया गया

 
 राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन, बिहार के राजेन्द्र मंडप में एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के तहत आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल एवं पुडुचेरी के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के सभी राज्यों में अन्य प्रदेशों के लोग रहते हैं और वे धीरे-धीरे वहाँ की संस्कृति के साथ तादात्म्य स्थापित कर लेते हैं। वे आपस में घुल-मिलकर रहते हैं और जिस राज्य में रहते हैं वहाँ के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास में योगदान देते हैं। दूसरे राज्यों से आकर लोग वहीं की भाषा, बोली और संस्कृति को अपना लेते हैं। उनके बीच भावनात्मक संबंध काफी प्रगाढ़ होता है। यही एकता हमारी ताकत है और इसे अधोरेखित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भारत के विभिन्न राज्यों के खान-पान, रहन-सहन, भाषा, बोली, वेशभूषा आदि में विविधता है, परन्तु वे इन्द्रधनुषी भारतीय संस्कृति के अलग-अलग रंग हैं। हमारी संस्कृति एक है और हम एक हैं। अपने देश की एकता में ही भारत की श्रेष्ठता है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल एवं पुडुचेरी के निवासियों के सुख और समृद्धि तथा उन राज्यों के उत्तरोत्तर प्रगति की कामना की। उन्होंने भारतमाता के चित्र पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर उन राज्यों की संस्कृति पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
कार्यक्रम को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ० एन० विजयलक्ष्मी, निर्वाचन विभाग के प्रधान सचिव-सह-मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार श्री एच० आर० श्रीनिवास तथा आई०सी०ए०आर० के वरीय वैज्ञानिक डॉ० पी०सी० चन्द्रन ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री रॉबर्ट एल० चोंग्थू विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, बिहार में पदस्थापित आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल एवं पुडुचेरी के पदाधिकारीगण एवं उनके परिजन, बिहार में पढ़ाई कर रहे इन राज्यों के छात्र-छात्राएँ, बिहार में रह रहे इन राज्यों के महानुभावगण तथा राज्यपाल सचिवालय के पदाधिकारीगण एवं कर्मीगण उपस्थित थे।