बिहार में एक और पुल गिरा, पूर्वी चंपारण में 4 साल पुराना पुलिया ध्वस्त

 

बिहार में पुल गिरने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला पूर्वी चंपारण जिले से आया है। यहां मधुबन प्रखंड के लोहारगांवा गांव में बनी आरसीसी पुलिया शनिवार देर शाम बारिश की वजह से ध्वस्त हो गई। इस पुलिया का निर्माण चार साल पहले ही हुआ था। हाल के दिनों में पूर्वी चंपारण जिले में पुल गिरने का यह दूसरा मामला है। वहीं, राज्यभर में बीते 20 दिनों के अंदर 13 पुल ध्वस्त हो चुके हैं। नीतीश सरकार ने इन हादसों पर संज्ञान लेते हुए जल संसाधन और ग्रामीण कार्य विभाग के 17 इंजीनियरों को निलंबित भी किया था।

जानकारी के अनुसार मधुबन के लोहरगांवा में 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत 2019 में करीब 2 लाख रुपये की लागत से आरसीसी पुलिया का निर्माण किया गया था, जो शनिवार को गिर गया। पुलिया ध्वस्त होने से लोहारगांवा ग्राम के सहनी टोला एवं अनुसूचित जाति टोला का सड़क संपर्क टूट गया। इससे करीब 400 लोगों की आबादी प्रभावित हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि योजना के अभी पांच साल भी पूरे नहीं हुए। पुलिया ध्वस्त होने से लोग पगडंडी होकर आवागमन कर रहे हैं। गांव में बाइक भी नहीं पहुंच पा रही है। मुखिया कृष्णा देवी के पति शिव शंभू कुशवाहा ने बताया कि समयावधि पूरी होने पर पुलिया निर्माण के लिए योजना में लिया जाएगा।


इससे पहले बीते 22 जून को पूर्वी चंपारण जिले के ही घोड़ासहन के अमवा में करीब 1.69 करोड़ की लागत से बना पुल ढलाई के बाद ही ध्वस्त हो गया था। बीते 18 जून से लेकर अब तक राज्य में कुल 13 पुल गिर चुके हैं। अकेले सारण और सीवान जिले में इसी हफ्ते एक के बाद एक 6 पुल गिर गए थे। बिहार सरकार द्वारा राज्यभर के पुलों का निरीक्षण भी कराया जा रहा है। सरकार का दावा है कि जांच में दोषी पाए जाने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और पुलों की लागत ठेकेदारों से वसूल की जाएगी।