बिहार में लगातार पुल गिरने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, सुपर स्ट्रक्चर की जांच कराने की मांग
 

 

बिहार में धड़ाधड़ पुल के गिरने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। बिहार में लगातार ध्वस्त होते पुल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने पिछले दो साल के भीतर 12 पुलों के गिरने का हवाला दिया है।

याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गई है कि स्ट्रक्चरल ऑडिट कराई जाए। सुप्रीम कोर्ट से बिहार के छोटे-बड़े सभी पुलों के गिरने की घटना की जांच कराने की मांग की गई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई की कोई तारीख सामने नहीं है है लेकिन,माना जा रहा है कि जल्द ही जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा।

बिहार में बुधवार को सीवान और छपरा जिले में एक ही दिन में एक के बाद एक 6 पुल ध्वस्त हो गए। इनसे से चार गंडकी नदी पर तो दो धमही नदी पर बने पुल गिरे हैं। नदी जोड़ो योजना के तहत इन नदियों को बनाया गया था। हाल ही में इन सभी नदी को उड़ाही की गई थी। नदी में अधिक गहराई तक मिट्टी कटाई से पुलों के पाए और उनकी गाइड वॉल की बुनियाद एक्सपोज हो गई थी। नदियों में पानी का प्रवाह बढ़ते ही ये हादसे हुए। जो पुल गिरे हैं, उनमें एक को छोड़ बाकी सभी 30-40 साल पुराने थे।

आरजेडी चीफ लालू प्रसाद ने डबल इंजन की सरकार पर हमला बोला है। लालू प्रसाद यादव एक्स पर लिखा है कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार अब इसके लिए भी विपक्ष को ही दोषी कहेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर दैनिक अखबारो की हेडलाइन की कटिंग शेयर की है। वह लिखते कि, ‘नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार इसका दोष भी मुगलों, अंग्रेजों और विपक्षियों को ही देंगे। कल एक ही दिन में 5 पुल ढहे। 15 दिन में 12 पुल गिर चुके हैं। पुलियों का कोई हिसाब-किताब नहीं’ है।