डॉयल 112 सेवा की मनाई गई दूसरी वर्षगांठ, कॉल हैंडलिंग में बिहार देश में दूसरे स्थान पर, 20 लाख नागरिकों को मिली आपातकालीन सेवाएं

 

बिहार में डायल 112 सेवा को शुरू हुए 2 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस मौके पर पटना के राजवंशीनगर स्थित इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS Dial-112) के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में डायल 112 सेवा की दूसरी वर्षगांठ मनाई गई। इस दौरान निर्मल कुमार आजाद, अपर पुलिस महानिदेशक, तकनीकी सेवाएं एवं वितंतु, बिहार ने डायल 112 को अधिक प्रभावी बनाने के लिए ERSS Dial-112 में कार्यरत सभी पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।

मुख्यालय की ओर से बताया गया कि वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री, बिहार द्वारा राज्य में डायल 112 सेवा की शुरुआत की गई थी। तब से लेकर अबतक डायल 112 के माध्यम से प्रदेशभर के 20 लाख नागरिकों को 1833 वाहनों के जरिए औसतन 20 मिनट में एम्बुलेंस, पुलिस व फायर ब्रिगेड से जुड़ी आपातकालीन सेवाएं दी जा चुकी हैं।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार डायल 112 के रिस्पॉन्स टाइम के आधार पर बिहार देशभर में 7वें स्थान पर है, जबकि डायल 112 पर आने वाली कॉल की हैंडलिंग में बिहार देशभर में दूसरे स्थान पर है।

प्रतिदिन 5 हजार लोगों को मिल रही है आपातकालीन सेवाएं- बिहार देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां डायल 112 पर आने वाली प्रत्येक कॉल को महिला पुलिसकर्मियों के द्वारा रिसीव किया जा रहा है। राज्य में प्रतिदिन लगभग 5 हजार लोगों को विभिन्न प्रकार की आपातकालीन सेवाओं का लाभ मिल रहा है। शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में डायल 112 का रिस्पॉन्स टाइम एक समान है।

प्रत्येक कॉलर से ली जाएगी फीडबैक- इस वर्ष डायल 112 के माध्यम से 15 लाख से अधिक लोगों को अपराध नियंत्रण हेतु पुलिस, एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड से जुड़ी आपातकालीन सेवाएं देने का लक्ष्य है। अगले वर्ष 2025 में 18 से 20 लाख नागरिकों तक तुरंत मदद पहुंचाना मुख्य मकसद है। ऐसे में नागरिक केन्द्रित पुलिसिंग को बल देने के लिए डायल 112 पर कॉल करने वाले प्रत्येक कॉलर से फीडबैक ली जाएगी, ताकि प्रत्येक शिकायत का शत-प्रतिशत समाधान हो सके।  

डायल 112 पर प्राप्त होने वाली विभिन्न प्रकार की शिकायतों का सफल निष्पादन

- पिछले 2 वर्षों में डायल 112 के माध्यम से स्थानीय विवाद, मारपीट व हिंसात्मक झड़प में 10 लाख 59 हजार 782 मामलों का निष्पादन किया गया। 
- घरेलू हिंसा, महिला अपराध व बच्चों से जुड़े 1 लाख 80 हजार 817 मामलों का त्वरित निपटारा किया गया। 
- सड़क दुर्घटना के 81 हजार 268 मामलों में घायलों को तत्काल मदद पहुंचाकर हजारों की जान बचाई गई। 
- अगलगी के 71 हजार 994 मामलों में घटनास्थल पर तुरंत फायर ब्रिगेड की टीम भेजकर कई घरों को पूरी तरह से बर्बाद होने से बचाया गया। 

▪️ अपराध के मामले में आई गिरावट- डायल 112 की इन्हीं त्वरित कार्रवाइयों से राज्यभर में डकैती, चोरी व दंगा के मामलों में गिरावट आई है। वर्ष 2023 में विगत वर्ष की तुलना में डकैती में 15.39, चोरी में 5.93 और दंगा के मामलों में 15.82 प्रतिशत की कमी आई।

▪️ एकल पुलिस हेल्पलाइन- डायल 112 अब एक कदम आगे के रूप में काम करेगा। बिहार के नागरिकों को अधिकतम सेवाएं देने के लिए डायल 112 को एकल पुलिस हेल्पलाइन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से लोगों को पुलिस, फायर ब्रिगेड एवं एम्बुलेंस के अलावे अन्य सेवाएं मिलेंगी।