Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव का NDA पर तीखा प्रहार- “हमारा चेहरा और विज़न दोनों साफ़ हैं, NDA बताए उनका नेता कौन?”
Big news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एनडीए गठबंधन पर तीखा हमला बोला। तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन ने अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार और विज़न दोनों साफ़ तौर पर घोषित कर दिए हैं, जबकि एनडीए अब तक अपने नेता के नाम पर मौन है। उन्होंने सीधा सवाल दागा “अगर जनता आपके गठबंधन को वोट दे, तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा? नाम बताइए।”
‘तेजस्वी प्रण पत्र’ से विकास का खाका
तेजस्वी यादव ने इस दौरान अपनी पार्टी और महागठबंधन के विकास एजेंडे की रूपरेखा भी पेश की। उन्होंने बताया कि मंगलवार को महागठबंधन की ओर से ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ यानी घोषणापत्र जारी किया जाएगा, जिसमें अगले पांच वर्षों के लिए बिहार के विकास और कल्याण का रोडमैप शामिल है।
तेजस्वी ने कहा, हमारा विज़न बिल्कुल स्पष्ट है बिहार को देश का नंबर वन राज्य बनाना है। हम केवल वादे नहीं, काम की दिशा लेकर आए हैं। उन्होंने दावा किया कि यह घोषणापत्र रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा और कृषि विकास जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगा ताकि जनता को ठोस विकल्प मिल सके।
एनडीए के पास न चेहरा, न विज़न
महागठबंधन के इस घोषणापत्र से पहले ही तेजस्वी ने एनडीए पर हमला बोलते हुए कहा कि “वो लोग अब भी जनता को दिखाने के लिए घोषणापत्र नहीं ला पाए हैं, क्योंकि उनके पास न कोई योजना है और न कोई दृष्टिकोण।”
तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा, एनडीए की सारी योजनाएं हमारी घोषणाओं की नकल हैं। इनके पास नया कुछ नहीं है, बस पुराने जुमले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी विकास की राजनीति करने के बजाय केवल विरोधियों को बदनाम करने में जुटी है।
बीजेपी करती है नकारात्मक राजनीति
तेजस्वी यादव ने कहा कि जब महागठबंधन विकास और बिहार को नंबर वन बनाने की बात कर रहा है, तो बीजेपी केवल “गाली और आरोप” की राजनीति कर रही है।
उनके शब्दों में “प्रधानमंत्री जी के भाषणों में बिहार के लिए कोई विज़न नहीं दिखता। वो बस झूठे इल्जाम लगाते हैं। जनता अब इनकी नकारात्मक राजनीति को समझ चुकी है।”
बदलाव तय है
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि बिहार की जनता इस बार परिवर्तन के मूड में है। उन्होंने कहा कि छठ पर्व के दौरान प्रवासी बिहारीयों को घर लौटने में जो मुश्किलें हुईं, वो यह दिखाने के लिए काफी हैं कि मौजूदा सरकार जनता से कितनी दूर है।रेलवे ने 12 हज़ार स्पेशल ट्रेनें चलाने की बात कही थी लेकिन बिहार के लोग अब भी सफर में परेशान हैं। ये सब दिखाता है कि एनडीए सरकार बस वादों की सरकार है।
सियासी विश्लेषण
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि तेजस्वी यादव का यह बयान चुनावी नैरेटिव को स्पष्ट रूप से दिशा देने वाला है जहाँ महागठबंधन “विकास और विज़न” की राजनीति पर ज़ोर दे रहा है, वहीं तेजस्वी NDA को “बिना चेहरा और बिना दिशा” वाला गठबंधन बताकर चुनावी मैदान में खुद को अधिक सशक्त विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं।