मतदाता सूची में पारदर्शिता की ओर बढ़ता बिहार, पहले चरण के पुनरीक्षण में आयी तेज़ी

 


भारत निर्वाचन आयोग ने सूचित किया है कि 24 जून 2025 से शुरू हुई बिहार राज्य की मतदाता सूची के पहले चरण की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इस व्यापक अभियान का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र नागरिक का नाम सूची में दर्ज हो और कोई भी अपात्र व्यक्ति उसमें शामिल न रहे।

अब तक की प्रमुख उपलब्धियां (23 जुलाई 2025 तक):

  • 98.01% मतदाताओं का सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है।
  • 20 लाख ऐसे मतदाता पाए गए हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
  • 28 लाख मतदाता स्थायी रूप से अन्य राज्यों में स्थानांतरित हो गए हैं।
  • 7 लाख लोगों के नाम एक से अधिक जगह दर्ज मिले हैं।
  • 1 लाख मतदाताओं का कोई पता नहीं चल सका।
  • 15 लाख लोग अभी तक अपना फॉर्म वापस नहीं कर पाए हैं।
  • अब तक 7.17 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म (90.89%) प्राप्त हो चुके हैं और उन्हें डिजिटल रूप से संग्रहित कर लिया गया है।

प्रमुख पहलें:

1. 20 जुलाई को सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के ज़िला अध्यक्षों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंटों (BLA) को उन लोगों की सूची सौंपी गई है जो या तो गलत तरीके से सूची में जुड़े हैं या जिन्होंने अब तक अपना फॉर्म जमा नहीं किया है।

2. बिहार के वे मतदाता जो राज्य से बाहर रह रहे हैं और फिलहाल किसी अन्य क्षेत्र में पंजीकृत हैं, निम्न माध्यमों से फॉर्म जमा कर सकते हैं:

  • आयोग की वेबसाइट 👉 https://electors.eci.gov.in
  • ECINet मोबाइल ऐप के ज़रिए।
  • फॉर्म डाउनलोड कर प्रिंट निकालें और भरें, फिर:
  • किसी परिजन के माध्यम से अपने BLO को सौंपें
  • या BLO के मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप से भेजें।

3. जिन नागरिकों ने फॉर्म सफलतापूर्वक भर दिए हैं, उनका नाम आगामी ड्राफ्ट मतदाता सूची में जोड़ा जाएगा। वे अपने फॉर्म की स्थिति इस लिंक पर जाकर जान सकते हैं 👉
https://electors.eci.gov.in/home/enumFormTrack

4. 1 अगस्त 2025 को विशेष पुनरीक्षण के पहले चरण की ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके उपरांत सभी राजनीतिक दलों को अपात्र नामों की पहचान व सुधार के लिए आमंत्रित किया जाएगा। यदि किसी योग्य मतदाता का नाम सूची में नहीं आता है, तो वह 1 सितंबर 2025 तक संबंधित ERO या AERO कार्यालय में अपना दावा प्रस्तुत कर सकता है।

भारत निर्वाचन आयोग की इस पारदर्शी और तकनीक-सक्षम प्रक्रिया का उद्देश्य बिहार में स्वच्छ, अद्यतित और निष्पक्ष मतदाता सूची तैयार करना है, जिससे लोकतंत्र की नींव और भी मजबूत हो सके।