Bihar Panchayat Chunav 2026 : तकनीक और नए आरक्षण रोस्टर के साथ पंचायत चुनाव में बड़े बदलाव के संकेत
Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनावों का माहौल शांत होते ही अब सियासत की धड़कनें पंचायत स्तर तक तेज होने लगी हैं। वर्ष 2026 के पंचायत चुनाव इस बार कई अहम और अभूतपूर्व बदलाव लेकर आने वाले हैं, ऐसे बदलाव, जो चुनावी प्रक्रिया को न केवल आधुनिक बनाएंगे, बल्कि आरक्षण और परिसीमन के कारण पूरे राजनीतिक समीकरण को भी बदल देंगे।
पहली बार पंचायत चुनाव में EVM—‘मल्टी पोस्ट मशीन’ होगी सबसे बड़ा बदलाव
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार पंचायत चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग सुनिश्चित कर दिया है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, चुनाव में मल्टी पोस्ट ईवीएम लगाई जाएगी:
• एक कंट्रोल यूनिट
• 6 बैलेट यूनिट
मतदाता एक ही बूथ पर वार्ड सदस्य, पंच, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य- इन सभी पदों के लिए अलग-अलग बैलेट यूनिट पर मतदान कर सकेंगे।
यह व्यवस्था शहरी निकायों की तरह तेज़, पारदर्शी और विवाद-रहित पंचायत चुनाव की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
नया आरक्षण रोस्टर और परिसीमन- राजनीतिक मानचित्र बदलने वाला फैसला
पंचायती राज संस्थाओं में दो कार्यकाल के बाद आरक्षित सीटों के बदले जाने का नियम लागू है। इसलिए 2026 के चुनाव से पहले पूरे बिहार में आरक्षण और परिसीमन की नई रूपरेखा तैयार की जा रही है।
इसी कारण जिला परिषद से लेकर वार्ड सदस्य तक सभी सीटों में बड़ा फेरबदल तय माना जा रहा है।
उदाहरण के तौर पर बांका जिला-
• जिला परिषद सीटें : 25
• मुखिया/सरपंच : 182
• पंचायत समिति सदस्य : 246
• वार्ड सदस्य व पंच : 2417–2417 सीटें
और इन सभी सीटों पर सभी वर्गों की महिलाओं को 50% आरक्षण अनिवार्य रहेगा।
स्वाभाविक है कि नए रोस्टर की चर्चा भर से कई वर्तमान प्रतिनिधियों की सियासी रणनीतियाँ बदलने लगी हैं।
मार्च के बाद शुरू होगा आरक्षण निर्धारण, अक्टूबर–नवंबर 2026 में खत्म होगा कार्यकाल
नियम के अनुसार वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल अक्टूबर–नवंबर 2026 में पूरा होगा।
इसी के मद्देनज़र:
• मार्च 2026 के बाद आरक्षण निर्धारण और परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।
• उसी के आधार पर चुनाव का शेड्यूल तय होगा।
पंचायत सरकार के छह पद- जिला परिषद सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, वार्ड सदस्य और पंच, त्रिस्तरीय ग्रामीण शासन प्रणाली की रीढ़ माने जाते हैं।
जिला परिषद की सीटें हमेशा की तरह सबसे ‘हॉट’ मानी जा रही हैं, क्योंकि विकास योजना और जिला संसाधनों पर इनकी सबसे अधिक पकड़ रहती है।
अधिकारियों ने दी पुष्टि – पहली बार बड़े पैमाने पर तकनीकी अपग्रेड
बांका के जिला पंचायती राज पदाधिकारी रवि प्रकाश गौतम ने स्पष्ट किया है कि—
• राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है
• इस बार नया परिसीमन लागू होगा
• और पहली बार मल्टी पोस्ट EVM का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाएगा