बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का ब्राह्मण भोज आज  
 

 

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी के ब्राह्मण भोज को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा चुकी है. जीतन राम मांझी ने ब्राह्मणों को लेकर आपत्तिजनक टिप्‍पणी की थी. इससे काफी विवाद हो गया था. साथ ही ब्राह्मण जाति में नाराजगी भी फैल गई थी. अब मांझी इस नाराजगी को दूर करने के लिए सोमवार को यानी की आज ब्राह्मण-दलित एकता भोज दे रहे हैं. उनकी इस घोषणा के बाद 51 ब्राह्मणों ने मांझी को सदबुद्धि देने के लिए बगलामुखी जाप करने का ऐलान किया है. इन पंडितों का कहना है कि वह मांझी की भ्रष्‍ट बुद्धि ठीक करने और ईश्‍वर से उन्‍हें सदबुद्धिे देने की प्रार्थना करेंगे.

हालांकि ब्राह्मण भोज में शामिल होने से ब्राह्मणों ने साफ तौर पर इंकार कर दिया है. ऐसे में जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी के नेता ऐसे ब्राह्मणों का जुगाड़ करने में जुटे हुए हैं जो कहीं न कहीं पार्टी या फिर अन्य नेताओं के बुलावे पर भोज में चले आए.

गौरतलब है कि मांझी ने पटना में मुसहर भुइया समाज के कार्यक्रम में 1956 में बाबा भीमराव अंबेडकर द्वारा हिन्दू धर्म का परित्याग कर बौद्ध धर्म अपनाने की चर्चा करते हुए कहा था कि आजकल मुसहर टोली में सत्‍यनारायण भगवान की पूजा होने लगी है. मांझी ने पंडितों के लिए आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग किया था, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. बाद में मांझी ने सफाई दी कि वह ब्राह्मणों के नहीं ब्राह्मणवाद के खिलाफ हैं. मांझी ने आगे कहा कि जो ब्रह्म को जानते हैं, वही असली ब्राह्मण हैं. इसके बाद उन्होंने सोमवार को उन ब्राह्मणों को भोज पर आमंत्रित किया है, जिन्होंने कभी मांस-मछली और मदिरा का सेवन नहीं किया हो.

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