बिहार में लागू हुई ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी, अब पुलों का बनेगा हेल्थ कार्ड, CCTV से होगी निगरानी 

 


बिहार में पुलों के रखरखाव की नीति (ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी) लागू हो गई है। इस नीति के आधार पर पुलों का हेल्थ कार्ड बनेगा और रखरखाव के लिए विशेष प्रभाग (डिविजन) का गठन होगा। मुख्य अभियंता इस डिवीजन के हेड होंगे। इनके साथ ही अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंताओं की टीम होगी। टीम के इंजीनियर नियमित तौर पर पुल-पुलियों की जांच करेंगे। जांच केवल कागजों पर ही नहीं, बल्कि वीडियो व तस्वीर के साथ होगी। जहां भी इन्हें गड़बड़ी मिलेगी, वे इसकी जानकारी तत्काल विभाग को देंगे। अगर रखरखाव में कोताही बरती गई तो उसे चिह्नित कर विभाग सख्त कार्रवाई भी करेगा।

 

बड़े, मध्यम व छोटे श्रेणी में अलग-अलग बांटकर पुलों का रखरखाव किया जाएगा ताकि कोई भी पुल समय से पहले क्षतिग्रस्त न हो सके। पथ निर्माण विभाग ने मार्गदर्शिका के रूप में सभी कार्यपालक अभियंताओं को इसकी प्रति भी भेज दी है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से तैयार इस मार्गदर्शिका में लगभग 500 पन्ने हैं। नई नीति लागू करने का मकसद राज्य में हजारों पुलों को सुरक्षित बनाए रखना है। पुलों के रखरखाव की नीति तैयार करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। हर पुल का अपना हेल्थ कार्ड होगा। इसमें पुल का पूरा इतिहास होगा। इसी के आधार पर पुलों का रखरखाव होगा। पुलों के स्वास्थ्य के आधार पर ही ट्रैफिक को नियंत्रित किया जाएगा। 

 

दरअसल, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सड़कों के साथ ही पुल-पुलियों की भी नियमित जांच की बात कही थी। सीएम ने कहा था कि रेलवे की तरह पुलों के लिए भी अलग से विंग बनाया जाए। सड़क टूट जाने पर आने-जाने में परेशानी हो सकती है, लेकिन अगर पुल-पुलिया टूट जाए तो काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि पुलों का बेहतर रखरखाव हो। उसकी नियमित जांच हो कि उसमें कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है। सीएम के आदेश के आलोक में ही पुल निर्माण निगम ने पुल रखरखाव नीति बनाई है।