बगहा में बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ भाकपा (माले) का प्रदर्शन तेज, हजारों गरीब परिवारों को बसाहट का हक देने की मांग
Bihar News: सरकारी बुलडोजर अभियान के विरोध में बुधवार को बगहा में भाकपा (माले) का विरोध तेज हो गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने अनुमंडल मुख्यालय के पास स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा से एक बड़े विरोध मार्च की शुरुआत की, जो बगहा-2 अंचल कार्यालय और ब्लॉक परिसर होते हुए पुनः प्रतिमा स्थल पर आकर समाप्त हुआ।
मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार की भूमि नीति को पूरी तरह ‘गरीब विरोधी’ बताते हुए जमकर नारेबाज़ी की। प्रदर्शन का केंद्रीय मुद्दा उन गरीब परिवारों के घर थे, जिन पर हाल के दिनों में बुलडोजर अभियान चलने की खबरें सामने आई हैं।
“40–50 वर्षों से रह रहे परिवारों पर अचानक बुलडोजर-यह अन्याय है”: माले
अंचल सचिव परसुराम यादव ने कहा कि पिपराडीह, नौरंगिया, लक्ष्मीपुर रमपुरवां, बिनवलिया, बोदसर सहित कई गांवों में हजारों परिवार लगभग चार से पाँच दशक से बेतिया राज की जमीन पर बसे हुए हैं।
उनका आरोप है कि:
• सरकार ने अब तक इन परिवारों को वैध पर्चा नहीं दिया
• तीन डिसमिल जमीन खरीदकर गरीबों को देने की पुरानी घोषणा आज तक अधूरी है
• न जमीन खरीदी गई और न बसे हुए परिवारों को मालिकाना हक मिला
यादव ने कहा कि “पर्चा देने की जगह पूरे बिहार में गरीबों की बसाहट पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। यह सरासर अन्याय है।”
“बुलडोजर बंद करो”- प्रदर्शनकारियों की दो-टूक चेतावनी
प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के नाम पर गरीबों को उजाड़ने का प्रयास जारी रहा, तो आंदोलन को जिले से निकलकर पूरे प्रदेश में विस्तारित किया जाएगा।
जमीन पर अधिकार, पर्चा वितरण और बसावट का सवाल गर्माया
भाकपा (माले) का कहना है कि बगहा और आसपास के इलाकों में रहने वाले गरीब परिवार प्रशासन की कार्रवाई से डरे हुए हैं। पार्टी का दावा है कि इन परिवारों को बिना पुनर्वास या वैकल्पिक व्यवस्था के हटाना भूमि सुधार और मानवाधिकार दोनों के खिलाफ है।
रिपोर्ट–आशीष कुमार, पश्चिम चंपारण/बगहा