'डॉग बाबू' को मिला था निवास प्रमाण पत्र: मसौढ़ी मामले में जांच तेज, आईटी सहायक बर्खास्त, राजस्व अधिकारी निलंबन की कगार पर
Patna: बिहार के मसौढ़ी अंचल में "डॉग बाबू" के नाम पर जारी हुआ निवास प्रमाण-पत्र अब राज्य प्रशासन के लिए गंभीर मामला बन चुका है। इस अजीबोगरीब और चौंकाने वाले केस की जांच जिलाधिकारी पटना ने खुद संभाली और मसौढ़ी अंचल कार्यालय जाकर स्थिति का जायजा लिया।
जांच के दौरान नगर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी), अनुमंडल पदाधिकारी मसौढ़ी, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
यह कोई गलती नहीं, सोची-समझी साजिश है-जिलाधिकारी
जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि यह मामला सिर्फ लापरवाही का नहीं बल्कि राज्य सरकार और प्रशासन की छवि को जानबूझकर धूमिल करने की साजिश है। उन्होंने कहा: गलत दस्तावेजों के आधार पर निवास प्रमाण-पत्र निर्गत करने का प्रयास किया गया, यह अनजाने में नहीं हुआ। दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
दिल्ली के आधार कार्ड का हुआ दुरुपयोग
जांच में सामने आया कि एक महिला ने दिल्ली से संबंधित आधार कार्ड संलग्न कर "डॉग बाबू" के नाम से निवास प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन किया। इस पूरे फर्जीवाड़े में आईटी सहायक, आवेदक और राजस्व अधिकारी की मिलीभगत सामने आई है।
अब तक की कार्रवाई:
- आईटी सहायक को तत्काल सेवामुक्त कर दिया गया है क्योंकि उसने बिना जांच किए आवेदन को स्वीकृति के लिए अग्रसारित किया था।
- राजस्व अधिकारी ने बिना दस्तावेजों की गहराई से जांच किए प्रमाण-पत्र जारी कर दिया। उसके खिलाफ निलंबन की सिफारिश कर दी गई है।
- आवेदक के खिलाफ भी केस दर्ज कर जांच जारी है, जिसने गलत शपथ-पत्र और दूसरे व्यक्ति की पहचान का दुरुपयोग किया।
स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज
इस मामले में संबंधित थाना में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर दी गई है। इसमें:
- आवेदक
- आईटी सहायक
- प्रमाण-पत्र जारी करने वाले राजस्व अधिकारी को नामजद किया गया है।
जिलाधिकारी ने दो टूक कहा, हम इस पूरे मामले की तह तक जाएंगे और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा।
फर्जी प्रमाण-पत्र रद्द, अब होगी कड़ी निगरानी
जिला प्रशासन ने "डॉग बाबू" के नाम पर जारी फर्जी प्रमाण-पत्र को रद्द कर दिया है। साथ ही यह भी संकेत दिया गया है कि ऐसे मामलों की ऑनलाइन और मैनुअल दोनों स्तरों पर कड़ी निगरानी की जाएगी।
क्या है मामला?
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर यह खबर सामने आई कि मसौढ़ी अंचल से "डॉग बाबू" के नाम पर निवास प्रमाण-पत्र जारी किया गया है। जैसे ही मामला सुर्खियों में आया, प्रशासन हरकत में आया और तत्काल जांच के आदेश दिए गए। यह घटना एक चेतावनी है कि डिजिटल और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में थोड़ी सी लापरवाही भी किस तरह सिस्टम की साख पर सवाल खड़े कर सकती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।