देश में BNS के तहत दर्ज केस में पहली सजा, छपरा में ट्रिपल मर्डर के दो आरोपियों को उम्रकैद 

 

बिहार के छपरा में जुलाई 2024 में हुए हत्याकांड में कोर्ट ने सजा का एलान कर दिया. जिला एवं सत्र न्यायालय ने इस मामले में दो दोषियों रोशन उर्फ सुधांशु कुमार और अंकित कुमार को भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) के अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया. वहीं धारा 109(1) में 6 साल के कठोर कारावास की सजा के साथ-साथ 10 हजार का अर्थदंड लगाया.

देश में आईपीसी की जगह बीएनएस लागू होने के बाद छपरा में ये पहला केस है जिसमें ये सजा सुनाई गयी है. दोनों दोषियों को 329(4)के अंतर्गत भी 6 माह की सजा के साथ-साथ 5 हजार रुपए अर्थदंड लगाया गया. तीनों धाराओं में जुर्माने की रकम नहीं देने पर अतिरिक्त 6 महीने, 3 महीने और महीने के कारावास भुगतने की सजा सुनाई गयी.

जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग ने रसूलपुर थाना कांड संख्या 133/24 सत्रवाद संख्या 693/ 24 के तिहरे हत्याकांड में दोनों पक्षों की दलीलों और गवाहों के बयानों के आधार पर सजा का एलान किया. सबसे बड़ी बात कि 48 दिनों के अंदर ही कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए सजा का एलान कर दिया.

बता दें कि सारण जिले के रसूलपुर थाना इलाके धनाडीह गांव में 17 जुलाई 2024 की रात अपराधियों ने तारकेश्वर सिंह के घर पर हमला किया और छत पर सो रहे पूरे परिवार को चाकुओं से गोद दिया. इस घटना में तारकेश्वर सिंह और उनकी दो बेटियों की मौत हो गयी जबकि उनकी पत्नी शोभा देवी और एक बेटी सूचिका गंभीर रूप से घायल हो गयीं.

इस मामले में पुलिस ने मृतक तारकेश्वर सिंह की पत्नी शोभा देवी और उनकी बेटी सूचिका के बयान के आधार पर रसूलपुर गांव के रहनेवाले रोशन उर्फ सुधांशु कुमार और अंकित कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया.

सिर्फ 48 दिनों तक चले इस केस के दौरान अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक और उनके सहयोगी सुभाषचंद्र दास ने सूचिका और डॉक्टर, अनुसंधानकर्ता सहित कुल 12 लोगों की गवाही कोर्ट में पेश की. बचाव पक्ष की ओर से वीरेश कुमार चौबे और अनिल कुमार सिंह ने भी अपना पक्ष कोर्ट में रखा.