मुंगेर के ऋषि कुंड में मलमास मेला पर उमड़ रही भारी भीड़, रामायण काल से है इसका संबंध 

Report: Kamlakant Pandey
 
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बिहार के पूर्वी छोर पर स्थित मुंगेर के बरियारपुर प्रखंड में है ऋषि कुंड, जहां का मलमास मेला काफी प्रसिद्ध है. बिहार में मलमास का मेला राजगीर और मुंगेर में ही लगता है. ऋषि कुंड में इन दिनों मलमास मेला देखने वालों की भीड़ उमड़ रही है. लोग दूर दराज से मेले का आनंद लेने आ रहे हैं. इस जगह का संबंध रामायण काल से भी है जिसके कारण लोग यहां आते हैं. वहीं यहां के झरने अपने आप में अद्भुत रहस्य समेटे हुए हैं. प्रकृति की गोद में बसा यह कुंड लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. 18 जुलाई से शुरू हुआ मलमास मेला अभी 16 अगस्त तक चलेगा.

rishi kund munger photos as malmas mela in bihar tourist place and  importance of jharna skt | PHOTOS: कुदरत का तोहफा है मुंगेर का ऋषिकुंड,  तस्वीरों में देखें मलमास मेले में आपके

ऋषि कुंड तपो स्थल के रूप में मशहूर है. यह बिहार का एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां आने के बाद पर्यटक सुकून महसूस करते हैं. आम दिनों में पिकनिक के लिए यहां लोग दोस्तों व परिवार के साथ आते हैं. इन दिनों मलमास मेला लगा हुआ है जिसका आनंद लेने के लिए लोग आ रहे हैं. प्रत्येक 3 वर्ष पर मलमास मेला का आयोजन होता है और प्रशासन इसकी पूरी तैयारी करके रखती है. राजगीर के बाद ऋषि कुंड में ही मलमास मेला का आयोजन होता है.

मलमास मेला में दूर दराज से लोग आते हैं. ऋषि कुंड स्थल को रामायण काल में एक तपोस्थल के रूप में बताया जाता है. कहा जाता है कि यहां बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने तब तप किया था. वैसे राजा दशरथ की पुत्री शांता और विभांडक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि के मिलन का स्थल भी यही ऋषि कुंड है. ऐसी मान्यता है कि महाराज दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए यहीं पर तप याचना की थी और पुत्र प्राप्ति के बाद ऋषि कुंड में आकर अपने पुत्र श्रीराम का मुंडन संस्कार कराए.

ऋषि कुंड आकर आप हरेश्वर नाथ मंदिर में उस शिवलिंग का भी दर्शन कर सकेंगे जिसके बारे में मान्यता है कि वो स्वयं प्रकट हुआ है. योगी श्यामाचरण लाहिरी की यहां समाधि भी है. महर्षि मेंही दास जहां साधना किया करते थे, वो जगह भी लोगों को आकर्षित करता है. ऋषि कुंड के जल को औषधि के रूप में ही देखा जाता है. यहां के गर्म जल में स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ती है. इस जल से स्नान करने के बाद चर्मरोग दूर होते हैं, ऐसा माना जाता है. यहां कई छोटे-बड़े कुंड हैं और सबके जल का तापमान अलग-अलग मिलता है. इस जल में बना भोजन भी बेहद स्वादिष्ट होता है. पाचन शक्ति कमजोर मरीज भी यहां के जल से बने भोजन का सेवन करते हैं. पूरे साल यहां लोग आते रहते हैं लेकिन मलमास मेला में भीड़ उमड़ती है. वहीं ठंड के मौसम में गर्म जल से नहाने लोग काफी आते हैं.

जमालपुर सुल्तानगंज रेलखंड के बीच ऋषि कुंड रेल हॉल्ट से 6 किलोमीटर की दूरी तय कर ऋषि कुंड पहुंच सकते हैं. ऋषि कुंड हॉल्ट पर कई पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव भी होता है. ट्रेन से उतरने के बाद कई बैट्री रिक्शा यानी टोटो गाड़ी ऋषि कुंड जाने के लिए मिल जाता है. वैसे पूर्व में बरियारपुर मुंगेर राष्ट्रीय राजमार्ग 80 में काली स्थान के समीप से ही छोटी वाहन गाड़ी सीधे ऋषि कुंड का पहुंचाया करती थी. परंतु ऋषि कुंड हॉल्ट के समीप रेल पुलिया की मरम्मत की हो रही है जिस कारण कालीस्थान से आप सीधे वाहन के द्वारा ऋषि कुंड नहीं जा सकते हैं.

बरियारपुर मुंगेर राष्ट्रीय राजमार्ग 80 में नौवागढ़ी मस्जिद मोड़ से पाटम गांव होते हुए 9 किलोमीटर की दूरी तय कर वाहन से ऋषि कुंड पहुंच सकते हैं. बरियारपुर खड़गपुर एनएच 333 मार्ग में बहादुरपुर शिवाला एवं लोहची बाजार से 11 किलोमीटर की दूरी तय कर वाहन से ऋषिकुंड पहुंच सकते हैं.