केके पाठक का निजी कोचिंग संस्थानों पर चला डंडा, नियमावली 2023 जारी, संचालकों को इन नियमों का करना होगा पालन, वरना होगा भारी नुकसान  

Report: Kamlakant Pandey
 
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बिहार में बदहाल हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का जिम्मा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने उठा लिया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद से ही वे एक्शन में हैं और ताबड़तोड़ नए नए फैसले ले रहे हैं. स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षकों के बाद अब केके पाठक का डंडा निजी कोचिंग संस्थानों पर चला है.

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शिक्षा विभाग ने बिहार कोचिंग संस्थान नियंत्रण और विनियमन नियमावली 2023 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. इसके लिए लोगों से सुझाव भी मांगे गए हैं. एक सप्ताह के बाद नियमावली को लागू कर दिया जाएगा. इस नई नियमावली के तहत अब बिहार में कोचिंग संचालन के लिए रजिस्ट्रेशन को सरकार ने अनिवार्य कर दिया है. किसी भी कोचिंग संस्थान के रजिस्ट्रेशन पर फैसला लेने के लिए जिलों के डीएम को पंजीकरण समिति गठन करने का निर्देश दिया गया है. कोचिंग संस्थानों को नियमावली लागू होने के 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा. किसी भी कोचिंग संस्थान के आवेदन पर कोचिंग में छात्र-छात्राओं को मिलने वाली सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जिला पंजीकरण समिति उसके रजिस्ट्रेशन पर फैसला लेगी.

बिहार कोचिंग संस्थान नियंत्रण और विनियमन नियमावली 2023 में छात्र-छात्राओं को कोचिंग संस्थान की शिकायत करने का भी अधिकार दिया गया है. छात्र-छात्राएं कोचिंग संस्थान के खिलाफ एसडीओ के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और शिकायत सही मिलने पर दंड का भी प्रावधान है. अगर कोई कोचिंग संस्थान दो बार दंडित हो जाए तो उसका रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल हो सकता है. इतना ही नहीं रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद कोचिंग चलाने पर संपत्ति जब्त होगी और छह महीने में जुमार्ना नहीं देने पर उसकी नीलामी तक कर दी जाएगी. बिहार कोचिंग संस्थान नियंत्रण और विनियमन नियमावली 2023 में जिलों के डीएम को काफी कुछ अधिकार दिए गए हैं. डीएम चाहें तो कोचिंग संस्थान के फीस में कटौती कर सकते हैं. इसके साथ ही अपने हिसाब से कोचिंग संचालन के समय को बदल भी सकते हैं. इसके साथ ही डीएम को कई अन्य तरह के भी अधिकार दिए गए हैं. 

बता दें कि केके पाठक ने पहले ही सारे कोचिंग संस्थानों को सुबह 9 से शाम 4 तक बैन कर दिया था. सरकारी स्कूल और कॉलेज में क्लास छोड़कर बच्चे इन कोचिंग में जाते थे, जिससे उनका अटेंडेंस कम हो रहा था, जिसको लेकर केके पाठक ने आदेश भी जारी किया था.