लैंड फॉर जॉब केस: लालू परिवार को मिली 5 दिन की राहत, राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने फिर टाली चार्ज फ्रेमिंग की सुनवाई

 

Bihar political update: दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत में बुधवार को लैंड फ़ॉर जॉब घोटाले से जुड़ी अहम सुनवाई हुई, जहाँ राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव सहित सभी आरोपियों को पाँच दिनों की अंतरिम राहत मिल गई। अदालत ने चार्ज फ्रेमिंग (आरोप तय करने) पर फैसला एक बार फिर टालते हुए अगली तिथि 15 दिसंबर निर्धारित कर दी।

सीबीआई ने कहा-103 आरोपी, दस्तावेज़ अभी अधूरे

विशेष सीबीआई जज विशाल गोगने के समक्ष एजेंसी के वकील ने बताया कि इस मामले में कुल 103 आरोपी हैं, जिनमें से चार की मौत हो चुकी है।
सीबीआई ने अदालत को अवगत कराया कि:
    •    सभी आरोपियों की स्थिति की जाँच अभी पूरी नहीं
    •    दस्तावेज़ों की प्रक्रिया अधूरी
    •    चार्ज फ्रेमिंग से पहले रिकॉर्ड का मिलान ज़रूरी

एजेंसी ने अतिरिक्त समय माँगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

पहले भी माँगा था समय, अदालत ने दिए थे स्पष्ट निर्देश

8 दिसंबर की पिछली सुनवाई में भी सीबीआई ने आरोपियों की अपडेटेड सूची, उपस्थिति और रिकॉर्ड सत्यापन के लिए समय माँगा था। न्यायाधीश ने तब आदेश दिया था कि-“सीबीआई सभी आरोपियों का अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट उपलब्ध कराए, ताकि चार्ज फ्रेमिंग पर निर्णय लिया जा सके।”

लेकिन रिपोर्ट पूरी न होने के कारण आज फिर सुनवाई आगे बढ़ गई।

घोटाले का आरोप-नौकरी के बदले जमीन

सीबीआई ने अपने विस्तृत आरोपपत्र में दावा किया है कि 2004–2009 के दौरान जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, तब—
    •    पश्चिम मध्य रेलवे (जबलपुर) ज़ोन में ग्रुप-D की अनियमित नियुक्तियाँ की गईं
    •    नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों ने लालू परिवार और करीबी सहयोगियों के नाम पर जमीनें ट्रांसफर कीं
    •    बदले में उन्हें रेलवे में नौकरी दी गई

यही इस मामले का मूल आरोप है, जिसे विपक्ष अक्सर “लैंड फ़ॉर जॉब” घोटाला कहता है।

बार-बार टल रही सुनवाई से बढ़ी सस्पेंस

लगातार खिंचती जा रही कोर्ट कार्यवाही ने केस को और पेचीदा बना दिया है। आज की सुनवाई के बाद लालू परिवार को अस्थायी राहत जरूर मिली है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी गहराता जा रहा है- क्या 15 दिसंबर को आखिरकार आरोप तय होंगे, या मामला एक बार फिर टल जाएगा?

देशभर की राजनीतिक नज़रें अब अगली तारीख पर टिकी हैं।