फर्जी दस्तावेजों पर कसेगा कानून का शिकंजा, दोषियों पर होगी आपराधिक कार्रवाई: उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा

 

Bihar news: सरकारी प्रक्रियाओं में फर्जी दस्तावेजों के सहारे गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ अब सख्त कदम उठाए जाएंगे। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसे सभी मामलों की पहचान कर संबंधित अंचलाधिकारी सीधे आपराधिक धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई में भूमि सुधार उपसमाहर्ता और अपर समाहर्ता का पूरा सहयोग लिया जाए तथा उपलब्ध कानूनी सलाहकारों की मदद से यह सुनिश्चित किया जाए कि गलत कागजात का इस्तेमाल करने वाला कोई भी व्यक्ति कानून से बच न सके।

उपमुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि गरीब, वंचित वर्ग और किसानों को सही काम के लिए परेशान करना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। आम जनता की समस्याओं का समाधान करना और तय समय-सीमा के भीतर काम पूरा करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसी उद्देश्य से विभाग द्वारा 100 दिन की कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसके तहत जिलों में ‘भूमि सुधार जनकल्याण संवाद’ आयोजित किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि विभाग की पहली प्राथमिकता दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस और वासविहीन गरीबों को अभियान बसेरा-2 के तहत जमीन से जुड़े मामलों का समयबद्ध निपटारा करना है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि दाखिल-खारिज और परिमार्जन प्लस के मामलों को बेवजह लंबित रखने या बिना ठोस कारण के खारिज करने की प्रवृत्ति पर सख्ती से रोक लगाई जाए। इन मामलों की प्रमंडलवार समीक्षा नए साल में फिर से की जाएगी।

ईमानदार अधिकारियों को प्रोत्साहित करने और अनैतिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नियमों के तहत बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों को सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही, सभी अंचलों में शिकायत पेटी लगाने और अंचलाधिकारी द्वारा स्वयं उसे खोलकर शिकायतों का निष्पादन करने के निर्देश दिए गए हैं। यही व्यवस्था भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं को भी अपनानी होगी।

अनियमितताओं पर नजर रखने के लिए मुख्यालय स्तर पर उड़नदस्ता गठित किया जा रहा है, जो औचक निरीक्षण कर फील्ड स्तर पर जांच करेगा और दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। उपमुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आम लोगों के आवेदनों को स्वीकार कर उन्हें रिसीविंग देना अनिवार्य होगा।

उन्होंने बताया कि यदि अंचल स्तर पर सुनवाई नहीं होती है तो आवेदक क्रमशः भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अपर समाहर्ता, समाहर्ता और प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अंतिम विकल्प के रूप में ही मामला मुख्यालय तक पहुंचाया जाए। भूमि विवाद से जुड़े मामलों में शनिवार को विशेष रूप से गंभीरता से सुनवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। पुलिस सहयोग नहीं मिलने की स्थिति में पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का साफ संदेश है कि सरकारी कामकाज में फर्जीवाड़ा, गड़बड़ी और गरीब-किसानों को परेशान करने वालों के लिए अब किसी तरह की ढील नहीं होगी।