पटना को ‘स्मार्ट और क्लीन सिटी’ बनाने की मोदी सरकार की पहल, पटना को मिली 243 करोड़ रुपये की सहायता राशि

Bihar Desk: यह फंड विशेष रूप से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management), स्वच्छता सुधार और पेयजल व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए दिया गया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी इस आदेश के बाद अब पटना नगर निगम के पास संसाधनों की कमी नहीं रहेगी, जिससे शहर के हर वार्ड में सफाई का स्तर सुधरने की उम्मीद जगी है...
 

Bihar Desk: बिहार की राजधानी पटना को ‘स्मार्ट और क्लीन सिटी’ बनाने की दिशा में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. केंद्र सरकार ने पंद्रहवें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पटना शहरी समूह के लिए 243 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि जारी करने की स्वीकृति दे दी है.

यह फंड विशेष रूप से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management), स्वच्छता सुधार और पेयजल व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए दिया गया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी इस आदेश के बाद अब पटना नगर निगम के पास संसाधनों की कमी नहीं रहेगी, जिससे शहर के हर वार्ड में सफाई का स्तर सुधरने की उम्मीद जगी है.

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 18 दिसंबर 2025 को इस संबंध में आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक बिहार को मिलने वाली यह पूरी राशि केवल पटना शहरी समूह के लिए निर्धारित की गई है. कुल 24 हजार 300 लाख रुपये, यानी 243 करोड़ रुपये, बिना किसी कटौती के शहरी स्थानीय निकायों को हस्तांतरित किए जाएंगे. सरकार का फोकस साफ तौर पर शहर की बुनियादी स्वच्छता व्यवस्था को दुरुस्त करने पर है. इस केंद्रीय सहायता का उपयोग ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत किया जाएगा. इसमें घर-घर से कचरा संग्रहण, कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान, प्रसंस्करण और रीसाइक्लिंग जैसे काम शामिल होंगे. इसके अलावा स्वच्छ शहर अभियान से जुड़े अन्य कार्यों पर भी इस राशि का इस्तेमाल किया जाएगा. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इससे पटना में कचरे के ढेर, अव्यवस्थित डंपिंग और गंदगी की पुरानी समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा.

केंद्र सरकार ने इस राशि को लेकर सख्त समयसीमा भी तय की है. निर्देश के अनुसार 28 दिसंबर से पहले यह रकम नगर निकायों तक पहुंचाना अनिवार्य होगा. यदि इसमें देरी होती है तो राज्य सरकार को ब्याज सहित राशि जारी करनी पड़ेगी. यही वजह है कि नगर विकास विभाग ने प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी है. केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार इस अनुदान से जुड़े सभी लेनदेन के लिए एक अलग बैंक खाता खोलना अनिवार्य होगा. इस खाते को पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम यानी पीएफएमएस से जोड़ा जाएगा, ताकि राशि के उपयोग पर पारदर्शी निगरानी रखी जा सके. अधिकारियों का कहना है कि इससे फंड के सही इस्तेमाल को सुनिश्चित किया जाएगा.

नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि 243 करोड़ रुपये की यह सहायता पटना को स्वच्छ, सुव्यवस्थित और बेहतर बुनियादी सुविधाओं वाला शहर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी. कचरा प्रबंधन और स्वच्छता व्यवस्था मजबूत होने से न सिर्फ शहर की छवि सुधरेगी, बल्कि आम लोगों की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार होगा.