बिहार में सड़कों का नया युग: नीतीश सरकार का बड़ा मिशन, टोले-टोले तक पक्की सड़क और छोटे ठेकेदारों को सीधा फायदा

 

Patna: बिहार की ग्रामीण तस्वीर अब तेजी से बदल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार ने ग्रामीण सड़कों और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक इतिहासिक योजना शुरू की है। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कई बड़े ऐलान किए और बताया कि किस तरह सरकार गांव-गांव तक कनेक्टिविटी को लेकर बड़ी तैयारी में है।

24,480 KM सड़कों को मंजूरी, 800 करोड़ की बचत

मंत्री चौधरी के अनुसार, 2024-25 में 14,036 पथों की स्वीकृति दी गई है, जिनकी कुल लंबाई 24,480 किलोमीटर है। वहीं 2025-26 के लिए अब तक 4,079 पथों (6,484 KM) को मंजूरी मिल चुकी है। खास बात यह है कि नई कार्य प्रणाली और पारदर्शिता से सरकार को करीब 800 करोड़ रुपये की बचत भी हुई है।

छोटे ठेकेदारों के लिए बड़ा मौका

कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर विराम लगाते हुए मंत्री ने साफ किया कि कोई ग्लोबल टेंडर नहीं निकाला गया है। सभी टेंडर नेशनल लेवल पर हैं, जिससे राज्य के छोटे ठेकेदारों को प्राथमिकता मिल रही है। अशोक चौधरी ने कहा, कि हमने छोटे-छोटे पैकेज बनाए हैं, ताकि प्रखंड और अनुमंडल स्तर के ठेकेदारों को मौका मिले। 

सड़कों का रख-रखाव अब सात साल तक तय

सरकार सिर्फ सड़कें बना ही नहीं रही, बल्कि उनके रख-रखाव को लेकर भी सजग है। मंत्री ने बताया कि 18,000 सड़कों को मेंटेनेंस पॉलिसी से जोड़ा गया है।
हाल ही में 464 नए पैकेज का काम दिया गया, जिसमें सड़कों के निर्माण के बाद 7 साल तक नियमित रख-रखाव की जिम्मेदारी ठेकेदारों को दी जाएगी।

9 साल बाद फिर लौटी ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना’

सरकार ने 9 साल बाद फिर से मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना की शुरुआत की है। इसके तहत गांवों में छोटे-बड़े पुल और पुलियों का निर्माण होगा, जिससे आवागमन आसान होगा और गांवों की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

5000 से ज्यादा टोले अब सड़क से जुड़ चुके

राज्य सरकार की खास प्राथमिकता यह है कि 100 से अधिक आबादी वाले हर टोले को पक्की सड़क से जोड़ा जाए। अब तक 5003 टोले इस योजना से जुड़ चुके हैं और 6,538 किलोमीटर लंबी सड़कों की स्वीकृति दी गई है। आने वाले समय में 1,200 किलोमीटर सड़कों की और मंजूरी दी जानी है।

फर्जी ठेकेदारों पर सरकार की कड़ी नजर

मंत्री चौधरी ने बताया कि कुछ ठेकेदार फर्जी दस्तावेज या ब्लैकलिस्टेड कंपनियों के नाम पर टेंडर लेने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे मामलों को चिह्नित कर एफआईआर और सख्त विभागीय कार्रवाई की तैयारी है। उन्होंने कहा कि केवल 2-3 झारखंड और 2 यूपी से आए ठेकेदारों ने आवेदन दिया है, जिससे साफ है कि स्थानीय ठेकेदारों को भरपूर अवसर मिल रहे हैं।

चुनाव से पहले काम शुरू करना सरकार की प्राथमिकता

अशोक चौधरी ने साफ किया कि सरकार की मंशा है कि आगामी चुनावों से पहले ही सभी स्वीकृत सड़कों का काम शुरू हो जाए ताकि चुनावी समय में विकास की रफ्तार न रुके। हम पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं और समयसीमा के भीतर प्रोजेक्ट्स शुरू होंगे।”

नया बिहार, मजबूत गांव

इन तमाम पहलों से यह साफ हो रहा है कि बिहार अब ग्रामीण कनेक्टिविटी के मामले में देश में नई मिसाल कायम करने की ओर बढ़ रहा है। सिर्फ सड़कें नहीं, यह बिहार को जोड़ने और आगे बढ़ाने की दिशा में रखा गया एक ठोस कदम है।