बिहार चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा दांव! श्रम संसाधन विभाग में 1817 पदों पर बहाली की तैयारी, युवाओं में बढ़ी हलचल

 

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नौजवानों को खुश करने के लिए सरकार लगातार नई नियुक्तियों का ऐलान कर रही है। शिक्षा विभाग में बंपर भर्ती के बाद अब श्रम संसाधन विभाग में बड़ी बहाली की तैयारी तेज हो गई है।

नीतीश का वादा और युवाओं की उम्मीद

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही वादा कर चुके हैं कि चुनाव से पहले 50 हज़ार युवाओं को रोजगार देंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगले कार्यकाल में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य रखा गया है। अब श्रम संसाधन विभाग में होने वाली भर्ती को उसी वादे की कड़ी माना जा रहा है।

1817 पदों पर होगी नियुक्ति

विभागीय सूत्रों के अनुसार, श्रम संसाधन विभाग ने 1817 खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की हरी झंडी दे दी है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग को विस्तृत रिपोर्ट भेजी जा चुकी है, जिसमें कार्यरत और रिक्त पदों का पूरा ब्यौरा शामिल है।

BPSC, BTSC और BSSC को भेजी अधियाचना

भर्ती प्रक्रिया के लिए अलग-अलग आयोगों को अधियाचना भेज दी गई है। इनमें—
    •    BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग)
    •    BTSC (बिहार तकनीकी सेवा आयोग)
    •    BSSC (बिहार कर्मचारी चयन आयोग)

शामिल हैं।

फिलहाल श्रम संसाधन विभाग में 6010 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 3029 पद खाली पड़े हुए हैं। इनमें से 2398 पद सीधी भर्ती से और 631 पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे।

सबसे ज्यादा पद व्यवसाय अनुदेशक के

इस बहाली में सबसे ज्यादा 869 पद व्यवसाय अनुदेशक के रिक्त हैं। इसके अलावा—
    •    निम्न वर्गीय लिपिक – 317 पद
    •    कार्यालय परिचारी – 203 पद
    •    उप प्राचार्य – 126 पद
    •    भोजशाला सहायक कारीगर – 84 पद
    •    फर्मासिस्ट – 46 पद

भी शामिल हैं।

जल्द शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया

अब अंतिम निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में लिया जाएगा। बैठक के बाद ही भर्ती प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू होगी और आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।

चुनावी मौसम में बड़ा तोहफ़ा!

बिहार के सियासी गलियारे में माना जा रहा है कि यह बहाली सीधा चुनावी दांव है। सरकार युवाओं को रोजगार का तोहफ़ा देकर चुनावी माहौल में बढ़त बनाने की कोशिश कर रही है। अब देखना यह होगा कि भर्ती प्रक्रिया कितनी जल्दी शुरू होती है और इसका असर वोट बैंक पर कैसा पड़ता है।