नीतीश सरकार की मछुआरों को बड़ी सौगात, नाव खरीदने पर मिलेगी एक लाख रुपये तक की सब्सिडी

 

Bihar news: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पूरी तरह एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। सरकार जहां एक ओर विकास योजनाओं की समीक्षा कर रही है, वहीं दूसरी ओर आम लोगों को सीधा लाभ देने वाली योजनाएं भी तेज़ी से लागू की जा रही हैं। इसी क्रम में नीतीश सरकार ने राज्य के मछुआरों को बड़ी राहत देते हुए नाव और जाल खरीद पर भारी सब्सिडी देने का फैसला लिया है।

राज्य सरकार की इस योजना के तहत मछुआरों को नाव खरीदने के लिए एक लाख रुपये से अधिक का अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

क्या है सरकार की नई योजना

डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग द्वारा “नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना” की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक मछुआरों को आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराकर उनकी आय बढ़ाना और मछली उत्पादन को प्रोत्साहित करना है।

योजना के तहत नाव और मछली पकड़ने के जाल की खरीद पर अधिकतम 90 प्रतिशत तक सरकारी सब्सिडी दी जाएगी। इससे मछुआरों को अपनी जेब से बहुत कम राशि खर्च करनी पड़ेगी।

कौन कर सकता है आवेदन

इस योजना का लाभ राज्य मत्स्यजीवी सहयोग समितियों से जुड़े सदस्य, परंपरागत मछुआरे, मछली पकड़ने के कार्य में संलग्न महिलाएं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मछुआरे ले सकते हैं। बिहार के सभी जिलों के पात्र मछुआरे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

कैसे करें आवेदन

योजना के लिए आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन रखा गया है। इच्छुक मछुआरे fisheries.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है।

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

ऑनलाइन आवेदन के दौरान निम्न दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य होगा—
    •    आधार कार्ड
    •    बैंक खाता विवरण
    •    IFSC कोड
    •    मोबाइल नंबर
    •    मछली शिकार से संबंधित प्रमाण पत्र

सब्सिडी का पूरा विवरण

सरकार की ओर से तीन अलग-अलग पैकेज तय किए गए हैं—
    •    फिशिंग वुडेन बोट पैकेज: इकाई लागत ₹1,24,400
    •    फिशिंग एफआरपी बोट पैकेज: इकाई लागत ₹1,54,400
    •    कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज: इकाई लागत ₹16,700

इन सभी पर सरकार द्वारा 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।

कैसे होगा चयन

लाभार्थियों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रखी जाएगी ताकि सही लाभार्थियों तक योजना का लाभ पहुंचे।

सरकार का मानना है कि इस योजना से मछुआरों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और राज्य में मत्स्य उत्पादन को नई गति मिलेगी।