अब दवा, जांच या डॉक्टर से मिलने के लिए इधर उधर जाने की कोई जरूरत नहीं सबकुछ मिलेगा एक ही जगह, बिहार में HIV इलाज को लेकर बड़ी तैयारी
Bihar Desk: बिहार सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. राज्य में एचआईवी (HIV) संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज और सुलभ दवाओं के लिए इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पांच नए एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) सेंटर खोले जाएंगे. सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि अब पटना एम्स (AIIMS) और आईजीआईएमएस (IGIMS) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी यह सुविधा उपलब्ध होगी.
AIIMS पटना से किशनगंज तक नए सेंटर
स्वास्थ्य विभाग और बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति की पहल पर जिन पांच नए एआरटी सेंटरों की शुरुआत की जा रही है, उनमें एम्स पटना, आईजीआईएमएस, एनएमसीएच पटना, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बिहटा, माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज और एलएसके हॉस्पिटल किशनगंज शामिल हैं. इन संस्थानों में एआरटी सेवाएं शुरू होने से राजधानी पटना के साथ-साथ सीमावर्ती जिलों के मरीजों को भी बड़ी राहत मिलेगी.
फिलहाल बिहार के 26 जिलों में 29 एआरटी सेंटर संचालित हैं, लेकिन इसके बावजूद कई जिलों के मरीजों को इलाज के लिए दूसरे जिलों में जाना पड़ता है. नियमित जांच, दवा लेने और परामर्श के लिए लंबी दूरी तय करना कई बार मरीजों के लिए मुश्किल साबित होता है. इसी समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में एआरटी सेंटर खोलने का लक्ष्य तय किया है.
2021 के बाद बिहार में एआरटी सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है. बीते कुछ वर्षों में 15 नए एआरटी सेंटर शुरू किए गए, जिससे राज्य में इनकी संख्या 29 तक पहुंची. पटना, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, बेतिया, छपरा, आरा, जमुई, रोहतास और औरंगाबाद जैसे जिलों में पहले से यह सुविधा उपलब्ध है.
एआरटी सेंटरों में एचआईवी और एड्स से जुड़े मरीजों के खून की जांच, एंटी रेट्रोवायरल दवाएं, नियमित परामर्श और मानसिक सहयोग की सुविधा दी जाती है. इसके अलावा टीबी, फंगल संक्रमण जैसी अवसरवादी बीमारियों का इलाज भी यहीं किया जाता है. गर्भवती एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं और नवजातों की जांच और इलाज की सुविधा भी एआरटी सेंटरों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है.
सभी जिलों में सेंटर खोलने की तैयारी
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के केयर सपोर्ट एंड ट्रीटमेंट उप निदेशक डॉ राजेश सिन्हा के अनुसार सरकार की मंशा है कि राज्य के सभी जिलों में एआरटी सेंटर खोले जाएं. जहां अभी लिंक एआरटी सेंटर के माध्यम से सेवाएं दी जा रही हैं, वहां भी जल्द पूर्ण एआरटी सेंटर शुरू करने की तैयारी है. इससे एचआईवी संक्रमित लोगों को सम्मानजनक और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी.