पटना हाई कोर्ट ने 12 विश्वविद्यालयों के 4638 असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली का विज्ञापन किया रद्द
 

 

पटना हाई कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया हैं. कोर्ट ने राज्य के 12 विश्वविद्यालयों में 4638 असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली के विज्ञापन को रद्द कर दिया है और नये सिरे से बहाली के लिए सरकार को आदेश दिया है. जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा ने डा. अमोद प्रबोध व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई 10 जनवरी, 2023 को पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया.

आपको बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने नए सिरे से विज्ञापन निकाल कर इन पदों पर बहाली के लिए आरक्षण के प्रावधानों के अनुरूप प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को दिया है. कोर्ट ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि कुछ विषयों, अरबी, फ़ारसी व अन्य में अस्टिटेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति पर कोई प्रभाव नहीं होगा। इनकी संख्या लगभग 150 है. 

कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बताया था कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया. इसमें राज्य के सभी बारह विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों में 4638 असिस्टेंट प्रोफेसरों के नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित हुआ. उन्होंने बताया कि प्रावधानों के अनुसार आरक्षण की सीमा पचास फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है. लेकिन 4638 असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद पर बहाली के लिए 1223 पद ही सामान्य श्रेणी के लिए रखे गए. ये आरक्षण की पचास फीसदी की सीमा से कहीं अधिक हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस तरह इस विज्ञापन संवैधानिक प्रक्रिया का खुला उल्लंघन हुआ है. इससे बहुत सारे योग्य उम्मीदवारों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. इसके बाद अब कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया है.