2 करोड़ लेकर आए थे लोग, मुख्यमंत्री से कराई थी बात": राजद विधायक भाई वीरेंद्र का सनसनीखेज दावा

 

Patna: बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी और विधायक भाई वीरेंद्र ने एक इंटरव्यू में गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि 2010 में राजद को तोड़ने के लिए उन्हें 2 करोड़ रुपये का ऑफर मिला था। भाई वीरेंद्र ने यह भी कहा कि उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री से फोन पर बात भी कराई गई थी, लेकिन उन्होंने लालच को ठुकरा दिया और अपने नेता लालू यादव के साथ खड़े रहे।

2 करोड़ रुपये लेकर आए थे दानिश रिजवान

भाई वीरेंद्र के अनुसार, "2010 में जब राजद के 22 विधायक थे, तब हमें तोड़ने की कोशिश की जा रही थी। दानिश रिजवान, जो जीतनराम मांझी के खास माने जाते हैं, 2 करोड़ रुपये लेकर मेरे पास आए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से फोन पर बात भी कराई थी।"

लेकिन विधायक ने उस वक्त साफ कह दिया, "मेरे नेता लालू यादव हैं, मैं वही करूंगा जो वो कहेंगे। मुझे न मंत्री बनना है, न कोई सौदा करना है।"

उसूल की राजनीति करता हूं

भाई वीरेंद्र ने खुद को उसूलों वाला नेता बताया और कहा, "जब 13 विधायक पार्टी छोड़कर भाग रहे थे, तब भी मैं लालू जी के साथ खड़ा रहा। मैं वही बोलता हूं जो सही हो, चाहे वो अपनी पार्टी में भी क्यों न हो। तेजस्वी यादव और लालू जी के सामने भी सच कहता हूं, अब मानना या ना मानना उनकी मर्जी है।"

विधानसभा में दिए बयान से भी मचा था बवाल

हाल ही में खत्म हुए बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में भाई वीरेंद्र के एक बयान को लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ था। जब स्पीकर ने तेजस्वी यादव से उनका भाषण छोटा रखने को कहा, तब भाई वीरेंद्र ने तंज कसते हुए बोल दिया, "किसी के बाप का है क्या सदन?"

इस बयान के बाद विपक्ष ने माफी मांगने की मांग की, लेकिन भाई वीरेंद्र ने साफ कह दिया, "मैं अपने बयान पर कायम हूं। सदन किसी की बपौती नहीं है। मैंने कुछ गलत नहीं कहा, इसलिए माफी नहीं मांगूंगा।"