‘नायक’ स्टाइल क्लीन-अप की तैयारी: BJP संगठन में 90% तक बदलाव के संकेत, युवा चेहरों को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी

 

Bihar news: भारतीय जनता पार्टी अपने राष्ट्रीय संगठन को लेकर अब तक के सबसे बड़े और निर्णायक बदलाव की ओर बढ़ती दिख रही है। पूरी कवायद किसी फिल्मी दृश्य जैसी नहीं, बल्कि ‘नायक’ फिल्म के चर्चित क्लीन-अप सीन की याद दिलाने वाली सख्त कार्रवाई मानी जा रही है, जिसमें एक झटके में पूरा सिस्टम बदल दिया जाता है।

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन ने जब अपनी नई टीम के गठन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मार्गदर्शन मांगा, तो उन्हें पूरी आज़ादी (फुल फ्री हैंड) दे दी गई। शीर्ष नेतृत्व का स्पष्ट संदेश है अब संगठन अनुभव या पद की उम्र से नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस और सक्रियता से चलेगा।

बड़े पैमाने पर फेरबदल तय

सूत्रों का दावा है कि मौजूदा राष्ट्रीय संगठन में करीब 90 प्रतिशत पदाधिकारियों को बदला जा सकता है। पार्टी के 5 से 6 मौजूदा महासचिवों की विदाई लगभग तय मानी जा रही है। उनकी जगह ऐसे युवा और तकनीकी रूप से दक्ष नेताओं को मौका मिलेगा, जो ज़मीनी स्तर पर सक्रिय रहे हैं और चुनावी मोर्चे पर प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।

युवा नेतृत्व पर बड़ा दांव

बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि आने वाले चुनावी दौर में वही संगठन कारगर होगा, जो तेज़ फैसले लेने वाला, तकनीक-फ्रेंडली और जनता से सीधा जुड़ा हुआ हो। यही वजह है कि यह बदलाव सिर्फ चेहरों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि संगठन की कार्यशैली, निर्णय प्रक्रिया और रणनीतिक ढांचे में भी बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे।

परफॉर्मेंस का कड़ा इम्तिहान

राष्ट्रीय से लेकर राज्यों तक पदाधिकारियों के कामकाज का गहन मूल्यांकन किया जा रहा है। लंबे समय से पद पर बने नेताओं की समीक्षा चल रही है और इस बार साफ संदेश है पद अब वरिष्ठता से नहीं, नतीजों से तय होंगे।

14 जनवरी के बाद तेज होगी प्रक्रिया

जानकारी के अनुसार, नितिन नवीन की औपचारिक ताजपोशी की प्रक्रिया 14 जनवरी के बाद शुरू होगी। करीब 22 दिनों की संवैधानिक प्रक्रिया के बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। इसके साथ ही नई राष्ट्रीय टीम के गठन की रफ्तार और तेज हो जाएगी।

साफ संकेत: नया संगठन, नई रणनीति

कुल मिलाकर, बीजेपी में चल रही यह हलचल इस बात का साफ संकेत है कि पार्टी युवा, ऊर्जावान और चुनावी चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार संगठन के साथ आगे बढ़ने की रणनीति पर काम कर रही है। आने वाले दिनों में यह फेरबदल न सिर्फ संगठन, बल्कि सियासी समीकरणों पर भी बड़ा असर डाल सकता है।