विकास’ या ‘विनाश’? मेट्रो निर्माण से दानापुर की जनता जलजमाव और गंदगी की कैद में
Danapur/Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट पटना मेट्रो का निर्माण दानापुर में विवादों में घिर गया है। दानापुर से सगुना मोड़ तक हो रहे मेट्रो कार्य में भारी अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं।
टेंडर की शर्तों के मुताबिक कंपनी को मेट्रो पिलर के साथ-साथ वास्तु फिनिशिंग, जलापूर्ति, शौचालय, ड्रेनेज और फायर अलर्ट जैसी बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखना था। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है।
बरसात ने खोल दी पोल
गोला रोड–बेली रोड स्थित पेट्रोल पंप के पास मेट्रो पिलर के नीचे जल निकासी के नाम पर सिर्फ एक छोटा-सा पाइप लगाया गया। नतीजा यह हुआ कि बरसात आते ही दानापुर नगर परिषद के 9 वार्डों (12, 14, 15, 16, 17, 37, 38, 39 और 40) में भीषण जलजमाव हो गया।
स्थानीय लोग परेशान
- पहले से मौजूद बड़े आहर (तालाबनुमा नाला) को बंद कर दिया गया और उसकी जगह बेहद छोटा नाला बना दिया गया।
- घनी आबादी वाली दिशा में पानी निकालने का रास्ता छोड़ने के बजाय उल्टी दिशा में निकासी की गई।
- हालात इतने बिगड़े कि कई मोहल्लों में पानी घरों के भीतर घुस गया और लोग दिनों तक गंदगी में फंसे रहे।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि मेट्रो कर्मी जलनिकासी के लिए लगाए गए मोटर पंप तक को चालू नहीं करते, जिससे स्थिति और खराब हो जाती है।
नगर परिषद का आरोप
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार ने कहा कि मेट्रो निर्माण से पहले सहमति बनी थी कि प्राकृतिक नाले का प्रवाह बाधित नहीं होगा। लेकिन अब वही धारा बंद कर दी गई है। कई बार लिखित शिकायत भेजने के बावजूद मेट्रो प्रबंधन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यहां कम से कम 6 फीट चौड़ा नाला छोड़ा जाता तो यह समस्या नहीं आती। वर्तमान हालात कंपनी की मनमानी और लापरवाही को उजागर कर रहे हैं।
जनता पर बोझ
मेट्रो निर्माण की गलतियों का खामियाजा दानापुर के हजारों लोग भुगत रहे हैं। लोग अपने ही घरों में कैद होकर जल संकट और गंदगी की मार झेल रहे हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि, क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट का बोझ आम जनता को ही उठाना पड़ेगा?