बिहार में रजिस्ट्री घोटाला: बिना पैन नंबर के हो रही लाखों की जमीन खरीद, आयकर विभाग की जांच में बड़ा खुलासा

 

Patna: बिहार में जमीन की रजिस्ट्री को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। नियम के अनुसार, 30 लाख रुपये या उससे ज्यादा की जमीन खरीदने पर खरीदार को पैन नंबर देना अनिवार्य है, लेकिन आयकर विभाग की हालिया जांच ने निबंधन कार्यालयों की लापरवाही को उजागर कर दिया है।

कई रजिस्ट्री में गायब पैन नंबर

आयकर विभाग ने पाया कि पटना और गया के रजिस्ट्री कार्यालयों में 2021-22 से लेकर 2023-24 के बीच कई ऐसे सौदे हुए हैं, जिनमें खरीदारों ने पैन नंबर नहीं दिया, फिर भी जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। कई मामलों में पैन की जगह अधूरे या फर्जी नंबर भरे गए, और कुछ में तो न तो फॉर्म-60 लिया गया और न ही उसकी सूचना विभाग को दी गई।

क्या है फॉर्म-60?

जब किसी व्यक्ति के पास पैन कार्ड नहीं होता, और वो 30 लाख से अधिक की संपत्ति खरीदता है, तो उसे फॉर्म-60 भरना होता है। लेकिन इस नियम की भी जमकर अनदेखी हुई।

आय के स्रोत की होगी पूछताछ

आयकर विभाग इस लापरवाही को "संभावित टैक्स चोरी" के तौर पर देख रहा है। अब ऐसे सभी खरीदारों से उनकी आय का स्रोत पूछा जा सकता है, जो बिना पैन नंबर इतनी महंगी संपत्ति खरीद रहे हैं।

पटना-गया में जांच तेज, दस्तावेज जब्त

पिछले हफ्ते पटना के निबंधन कार्यालय में आयकर विभाग की आपराधिक अन्वेषण इकाई ने कई घंटे तक दस्तावेजों की गहन जांच की। इसी क्रम में मंगलवार को गया कार्यालय में भी छापा मारा गया। सैकड़ों संदिग्ध रजिस्ट्री दस्तावेज अब विभाग की कस्टडी में हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच की तैयारी की जा रही है।

जवाबदेही तय होगी, नोटिस भेजने की तैयारी

जिन रजिस्ट्री कार्यालयों ने जानबूझकर नियमों की अनदेखी की, उन्हें अब कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) भेजा जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, आयकर विभाग राज्य के सभी जिलों में इस तरह का सर्वे चरणबद्ध तरीके से शुरू करेगा।

 बड़ी बातें एक नजर में:

  • ₹30 लाख से ज्यादा की रजिस्ट्री में पैन नंबर देना अनिवार्य

  • पटना-गया में सैकड़ों मामलों में पैन नंबर गायब या फर्जी

  • आयकर विभाग ने कई दस्तावेज जब्त किए, फॉरेंसिक जांच जारी

  • नियम तोड़ने वाले रजिस्ट्री कार्यालयों पर होगी कार्रवाई

  • सभी जिलों में सर्वे की योजना तैयार

सरकार की अपील:

अगर आप बड़ी रकम की संपत्ति खरीद रहे हैं, तो पैन नंबर जरूर दें। नियम तोड़ने पर कानूनी कार्रवाई से बचना मुश्किल होगा।