पटना में दाखिल-खारिज पर प्रशासन का सख्त अल्टीमेटम: 17,242 फाइलें लंबित, आज शाम तक निपटारा नहीं हुआ तो CO पर गिरेगी गाज

 

Bihar news: राजधानी पटना में दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) के मामलों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सख्त हो गया है। जिले में कुल 17,242 दाखिल-खारिज के मामले अब भी लंबित हैं। डिप्टी सीएम सह राजस्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि 31 दिसंबर की शाम तक हर हाल में इन मामलों का निष्पादन किया जाए, अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई तय है।

अपर समाहर्ता राजस्व के अनुसार, लंबित मामलों में से 3,278 मामले 35 दिनों से अधिक, 1,122 मामले 75 दिनों से अधिक और 731 मामले 120 दिनों से भी ज्यादा समय से अटके हुए हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए राजस्व विभाग ने 31 दिसंबर तक सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी थीं।

इन अंचलों में सबसे ज्यादा पेंडिंग

पटना जिले के छह अंचलों में एक-एक हजार से अधिक मामले लंबित पाए गए हैं।
    •    फुलवारीशरीफ – 1,897 मामले
    •    बिहटा – 1,749
    •    संपतचक – 1,737
    •    दीदारगंज – 1,342
    •    नौबतपुर – 1,254
    •    मनेर – 1,099

प्रशासन ने दो टूक शब्दों में कहा है कि आज शाम तक सभी लंबित मामलों का निष्पादन नहीं हुआ तो संबंधित अंचल अधिकारियों (CO) और राजस्व कर्मियों पर कार्रवाई तय है।

डीएम ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट

जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने सभी डीसीएलआर को निर्देश दिया है कि दाखिल-खारिज, परिमार्जन, नापीवाद और सरकारी जमीन से जुड़े मामलों का पूरा ब्योरा नहीं देने वाले अंचलों की समीक्षा कर तत्काल रिपोर्ट सौंपें। इसी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नियम के मुताबिक, दाखिल-खारिज के मामलों का निपटारा 35 दिनों के भीतर होना अनिवार्य है।

परिमार्जन के भी 9,163 मामले अटके

दाखिल-खारिज के साथ-साथ परिमार्जन के 9,163 मामले भी पटना जिले में लंबित हैं। इनमें धनरूआ, फुलवारीशरीफ, बिहटा, नौबतपुर, संपतचक, दानापुर और मोकामा जैसे अंचल शामिल हैं, जहां सैकड़ों फाइलें तय समय से ज्यादा लंबित पाई गई हैं।

आपको बता दें कि प्रशासन ने साफ संकेत दे दिया है कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समय-सीमा के भीतर काम पूरा नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।