आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि को लेकर तेजस्वी यादव का तीखा तंज: नकलची है नीतीश सरकार
Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार सुबह एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की घोषणा की है। अब आशा कार्यकर्ताओं को हर महीने ₹1000 की जगह ₹3000 मिलेंगे, जबकि ममता कार्यकर्ताओं को प्रति डिलीवरी ₹300 के बदले ₹600 दिए जाएंगे। सीएम नीतीश ने इस फैसले की जानकारी ट्विटर पर दी और इसे "महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम" बताया।
तेजस्वी यादव का पलटवार - "नकलची सरकार"
लेकिन नीतीश सरकार के इस ऐलान के कुछ ही घंटों बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जोरदार हमला बोला। उन्होंने इस कदम को "हमारी नीति की नकल" बताया और अपने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए एक गाना भी शेयर किया जिसमें "नकल, नकल... जीरो इनकी अकल..." बनाया गया है। तेजस्वी ने कहा कि जब वह स्वास्थ्य मंत्री थे (अपने 17 महीने के कार्यकाल में), तब आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी थी। लेकिन इसके पहले ही सरकार बदल गई।
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, "सरकार ने चालाकी से हमारी मांग को पूरा करने का नाटक किया है। इन्हें सिर्फ प्रोत्साहन नहीं, बल्कि 'मानदेय' मिलना चाहिए। हमारी सरकार में इन्हें पूरा मानदेय मिलेगा।"
और भी मांगें रखने का एलान
तेजस्वी यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि अब सरकार को आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका और रसोइयों के मानदेय में भी बढ़ोतरी करनी ही पड़ेगी। उन्होंने याद दिलाया कि उनके छोटे से कार्यकाल में विकास मित्र, शिक्षा मित्र, तालीमी मरकज़ और पंचायती राज प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया था।
डरी हुई है सरकार
तेजस्वी ने कटाक्ष करते हुए लिखा, हमारी योजनाओं और इरादों को देखकर ये थकी हुई और दिशाहीन सरकार डर गई है। ये डर अच्छा है। लेकिन सवाल ये है कि 20 साल से क्या कर रहे थे? उन्होंने सरकार से तंज में पूछा, सब कुछ तेजस्वी से ही कॉपी करोगे या कभी खुद की भी अक्ल लगाओगे?
जहां एक ओर आशा और ममता कार्यकर्ताओं के लिए बढ़ी हुई राशि राहत लेकर आई है, वहीं दूसरी ओर यह मुद्दा अब सियासी अखाड़े में चर्चा का विषय बन गया है। अब देखना ये होगा कि आगे और कौन-कौन से फैसले जनता और राजनीतिक बयानबाज़ी को प्रभावित करते हैं।