शिक्षकों की सालों पुरानी समस्या खत्म! बिहार ला रहा नई ट्रांसफर पॉलिसी, पारदर्शिता और सुविधा पर जोर
Patna News Desk: बिहार में शिक्षकों के लंबे समय से लंबित तबादला सिस्टम को नए साल में बड़ा रूप मिलने वाला है। शिक्षा विभाग नई शिक्षक स्थानांतरण नियमावली को अंतिम रूप देने की तैयारी में है, जिसे एक माह के भीतर कैबिनेट के पास भेजे जाने की संभावना है। इस नियमावली में शिक्षकों की सुविधा, पारदर्शिता और स्कूलों में पढ़ाई की निरंतरता—तीनों को ध्यान में रखते हुए बड़े बदलाव किए जा रहे हैं।
नई नियमावली क्यों ज़रूरी?
पिछले कई वर्षों से तबादले के लिए कोई स्पष्ट और स्थायी नीति न होने के कारण शिक्षकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है।
• इस वर्ष ही 1.25 लाख से अधिक शिक्षकों का तबादला किया गया, लेकिन अलग-अलग आदेशों के सहारे।
• नियमों की अस्पष्टता के कारण काफी संख्या में केस अदालत में पहुंचे।
• विभागीय अधिकारी भी मानते हैं कि ठोस नीति नहीं होने से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती है और विवाद बढ़ते हैं।
कितने शिक्षकों को मिलेगा फायदा?
राज्य के करीब 79,000 सरकारी स्कूलों में कार्यरत 6 लाख से अधिक शिक्षक नई नियमावली के दायरे में आएंगे। वर्तमान में ही 1 लाख से ज्यादा शिक्षक अंतरजिला या जिले के अंदर तबादला चाहते हैं, पर बड़े पैमाने पर बदलाव नए नियम लागू होने के बाद ही होंगे।
शिक्षक संघों की आपत्ति के कारण देरी
शिक्षा विभाग पहले विधानसभा चुनाव से पहले नई नीति लागू करना चाहता था, लेकिन
• कुछ प्रमुख बिंदुओं पर शिक्षक संगठनों ने आपत्ति जताई।
अब उन बिंदुओं पर फिर से विचार कर संशोधित नियमावली तैयार की जा रही है।
क्या होगा नई स्थानांतरण नीति में?
तबादले के लिए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन
• शिक्षक सिर्फ ऑनलाइन आवेदन देंगे —
किसी भी तरह की भौतिक फ़ाइल, आवेदन-पत्र या कागज़ जमा करने की जरूरत नहीं।
• आवेदन की तारीख व विवरण की सूचना बाद में जारी की जाएगी।
नियुक्ति के पहले 5 साल तबादला नहीं
• नई नियुक्ति के बाद 5 साल तक स्थानांतरण नहीं होगा।
• लेकिन गंभीर बीमारी, विशेष परिस्थितियों या मानवीय आधार पर अपवाद संभव होंगे।
सभी कोटियों के लिए एकीकृत नियमावली
नीति में इन सभी श्रेणियों के शिक्षक शामिल होंगे—
• पुराने शिक्षक
• विशिष्ट शिक्षक
• नियोजित शिक्षक/विद्यालय अध्यापक
• प्रधानाध्यापक
• प्रधान शिक्षक
बिहार में स्कूलों की स्थिति (आधिकारिक आंकड़े)
• प्राथमिक विद्यालय: 40,270
• मध्य विद्यालय: 27,903
• बुनियादी विद्यालय: 391
• माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय: 9,360