पटना हाइकोर्ट में फर्जी तरीके से नौकरी लगवाने वाला गिरफ्तार, कारनामा जानकार हो जाएंगे हैरान

पटना हाइकोर्ट में फर्जी तरीके से नौकरी लगाने वाला सुभाष चंद्रा पकड़ा गया है। गैंग का यह मुख्य सरगना है। दो लाख रुपए में फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर लोगों को बहाल करा देता था। इसके लिए प्रॉपर फर्जी आईकार्ड, उससे रिलेटेड डॉक्यूमेंट भी अभ्यर्थियों को उपलब्ध करवाता था।
कोतवाली के थानेदार राजन कुमार ने बताया कि सुभाष चंद्रा अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इसके घर से फर्जी डॉक्यूमेंट बरामद किए गए हैं। तीन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इसमें से एक सिंटू कुमार की मौत हो चुकी है। जबकि, दूसरा श्रवण कुमार उर्फ शरवन फरार है। गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है।
पटना हाईकोर्ट के डिप्टी रजिस्टार जय कुमार सिंह ने कोतवाली थाने में श्रवण कुमार उर्फ शरवन, सिंटू कुमार, सुभाष चंद्रा और अन्य अज्ञात के खिलाफ 28 फरवरी 2023 में मामला दर्ज कराया था। सिंटू कुमार और श्रवण कुमार उर्फ शरवन प्राथमिकी दर्ज होने के 20 दिन पहले से पटना हाईकोर्ट के डिजिटाइजेशन में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे थे। वेंडर ने शिकायत की। इसकी पड़ताल हुई तो इनके पास से फर्जी आईकार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट बरामद किए गए। यहां तक इनके आईकार्ड पर पटना हाईकोर्ट के लर्नेड रजिस्टार जनरल का भी फर्जी दस्तखत था।
पूछताछ होने पर आरोपी ने बताया कि हाईकोर्ट में नौकरी सुभाष चंद्रा ने लगवाई थी। आईकार्ड रिलीज करने के लिए भी दोनों से दस-दस हजार रुपए लिए। पुलिस की पूछताछ में सुभाष चंद्रा ने और लोगों के नाम बताए हैं, जो इस रैकेट में शामिल हैं। इनके पकड़े जाने के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि इन्होंने कितने लोगों के साथ ठगी की है।