दुर्घटनाग्रस्त मालगाड़ी से हिली रेल व्यवस्था, जसीडीह–झाझा खंड ठप; 87 ट्रेनें डायवर्ट, हजारों यात्री ठंड में बेहाल
Bihar news: जसीडीह–झाझा रेलखंड पर मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से रेल यातायात पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने केंद्रीय संयुक्त सचिव स्तर के पांच अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की है। यह टीम रविवार से ही घटनास्थल पर डटी हुई है और 72 घंटे के भीतर रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
पटना–हावड़ा मुख्य लाइन पर परिचालन बाधित रहने का असर प्रीमियम ट्रेनों पर भी पड़ा। सोमवार को पटना से खुलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस और जनशताब्दी एक्सप्रेस को डायवर्ट करना पड़ा। 22347 पटना–हावड़ा वंदे भारत करीब 3 घंटे 49 मिनट की देरी से हावड़ा पहुंची, जबकि वापसी में 12023 हावड़ा–पटना जनशताब्दी 6 घंटे की देरी से खुली और देर रात पटना जंक्शन पहुंच सकी। इसके अलावा राजेंद्र नगर टर्मिनस सुपरफास्ट सहित कई ट्रेनों को 2 से 7 घंटे तक की देरी झेलनी पड़ी।
कामकाजी यात्रियों पर सबसे ज्यादा असर
जनशताब्दी ट्रेन के डायवर्ट होने से सबसे ज्यादा परेशानी रोजाना सफर करने वाले कामकाजियों और व्यापारियों को हुई। पटना, बाढ़, मोकामा और बख्तियारपुर से लखीसराय, जमुई और जसीडीह जाने वाले यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कड़ाके की ठंड के बीच कई यात्रियों को अपने गंतव्य से पहले या बाद के स्टेशनों पर उतरकर रात गुजारनी पड़ी, तो कुछ को महंगे निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा।
87 ट्रेनें बदले रास्ते से, 30 रद्द
सोमवार को भी जसीडीह–झाझा खंड पर परिचालन बहाल नहीं हो सका। दुर्घटनाग्रस्त मालगाड़ी का मलबा पटरी पर पड़े होने के कारण 87 ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से चलाया गया, जबकि 30 ट्रेनें रद्द रहीं और 9 के संचालन में कटौती की गई। शनिवार रात लाहाबन और सिमुलतला स्टेशनों के बीच बड़ुआ नदी के पुल पर सीमेंट लदी मालगाड़ी के पटरी से उतरने के बाद से यह संकट बना हुआ है।
पूर्व रेलवे के अनुसार डाउन लाइन को जल्द बहाल करने की कोशिश जारी है, जबकि अप ट्रैक के शुरू होने में मंगलवार तक का समय लग सकता है। इस दौरान ट्रेनों को किऊल–भागलपुर, गया और आसनसोल–धनबाद जैसे वैकल्पिक रूटों से चलाया जा रहा है।
रेलवे की अपील
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति की जानकारी जरूर ले लें। प्रभावित ट्रेनों के समय और रूट में बदलाव को लेकर लगातार बुलेटिन जारी किए जा रहे हैं, ताकि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।
फिलहाल, जांच रिपोर्ट और ट्रैक बहाली पर सबकी नजरें टिकी हैं, क्योंकि इस दुर्घटना ने पूर्वी भारत की एक अहम रेल लाइन की रफ्तार थाम दी है।