केंद्रीय कारा से बंदी का वीडियो वायरल, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, बोले SSP.. जांच के बाद होगी कार्रवाई
बिहार के विभिन्न जिलों के कारागर में अपराधियों का भरमार है और कारागार के बंद चारदिवारी के अंदर से ही अपराधी अपना कारोबार को अंजाम देते है। ऐसा मैं नही कहा रहा हूँ। क्योंकि बिहार में कई बार कारागार के चारदीवारी के अंदर से ही हत्या, लूट और अपहरण सहित कई संगीन अपराध को अंजाम देते है और जब पुलिस कारागार में छापेमारी करती है तो किसी भी कारागार से कुछ भी बरामद नही होता है।
ताजा मामला बिहार के गया जिले के केंद्रीय कारागार से सामने आया है जहां कारागार के चारदीवारी के अंदर बंद बंदियों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में साफ दिखा जा सकता है कि एक गलियारा में कुछ बंदी कार्य कर रहे है और एक बंदी हाथों में ब्रश कर रहा है और मोबाइल से बात कर रहा है। वंही इस वायरल वीडियो के बाद जहां जेल प्रशासन के तमाम दावों की पोल खुल गई है और सवाल यह उठ रहा है कि केंद्रीय कारागार के प्रशासन के भूमिका भी अब संदेह के घेरे में आ रही है। गया सेंट्रल जेल में मोबाइल से फोन कर धमकी देने के मामले सामने आते रहे हैं। हाल के दिनों में भी गया सेन्ट्रल जेल से टिकारी एसडीएम सुुजीत कुमार और पटना के व्यवसायी को मोबाइल से धमकी मिल चुकी है।
वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स अमरजीत टाइगर बताया जाता है, जो कि फिलहाल गया सेंट्रल जेल के वार्ड में बंद है।
गया सेन्ट्रल जेल से टिकारी एसडीएम सुजीत कुमार और पटना के व्यवसायी को धमकी मिल चुकी है। ऐसे में पहले से ही गया सेंट्रल जेल का प्रशासन कटघरे में है। बता दें कि गया सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक और जेलर राजेश कुमार सिंह को पूर्व में जिला प्रशासन ने आगाह किया कि गया सेंट्रल जेल काफी संवेदनशील जगह है। क्योंकि यहां कुख्यात अपराधी और नक्सली बंदी रहते है। इस तरह गया सेन्ट्रल जेल से मोबाइल के उपयोग की शिकायत पहले भी आई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने गया जेल प्रशासन और जेलर को पहले ही इस बारे में चेताया है। गया जेल के जेलर राजेश कुमार सिंह को यहां से स्थानांतरण की बात मुख्यालय को लिखी जा चुकी है। मुख्यालय को लिखा गया है कि गया सेंट्रल जेल में जुलाई महीने से आए जेलर राजेश कुमार सिंह की भूमिका संदिग्ध है, जिसे लेकर उन्हें गया जेल से स्थानांतरित किया जाए।
वहीं जेल अधीक्षक को भी चेताया गया है। इसी बीच गया सेंट्रल जेल में बंदियों का वीडियो वायरल होने पर एक बार फिर से जेल प्रशासन की कार्यशैली कटघरे में है। वहीं, जिला प्रशासन द्वारा भी मुख्यालय को पत्र लिखकर जेलर की भूमिका के संदिग्ध होने पर मुहर लगा चुकी है। इस संबंध में गया एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि इस तरह की शिकायत पहले भी आई थी, जिसके बाद अपने स्तर से विभाग को पत्र भेजा जा चुका है। एक बार फिर से इस तरह का मामला सामने आया है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।