अनावरण से पहले बरस गया मौसम, कटिहार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम स्थगित
पूर्वी बिहार के कटिहार जिले में सोमवार को एक ऐतिहासिक दिन की तैयारी थी। समेली प्रखंड कार्यालय परिसर को सजाया गया था, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रिहर्सल पूरी हो चुकी थी, स्कूली बच्चों ने कविताएं याद कर ली थीं, और हर किसी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन का इंतजार था। लेकिन मौसम ने सारा माहौल ही बदल दिया।
दिनभर की बेमौसम बारिश और मौसम विभाग की चेतावनी ने प्रशासन को कार्यक्रम रद्द करने पर मजबूर कर दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्व. अनूप लाल मंडल की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम अब स्थगित कर दिया गया है। कटिहार जिलाधिकारी मनीष कुमार मीणा ने इसकी आधिकारिक पुष्टि करते हुए कहा कि नई तिथि जल्द घोषित की जाएगी।
बारिश ने सब रोक दिया
जैसे ही घने बादल छाए और रुक-रुक कर तेज बारिश होने लगी, पूरे कार्यक्रम स्थल पर अफरातफरी मच गई। फूलों से सजी प्रतिमा, लोकगीतों की धुन, स्कूली बच्चों की कविताएं और मंच की सजावट सब कुछ भीग गया। मैदान कीचड़ में बदल गया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तैयार कलाकारों को भी लौटना पड़ा।
क्यों खास था यह कार्यक्रम?
यह कोई आम राजनीतिक दौरा नहीं था। मुख्यमंत्री को अनूप लाल मंडल की प्रतिमा का अनावरण करना था, वे ना सिर्फ एक बड़े साहित्यकार थे बल्कि मिथिला और कोसी अंचल की सांस्कृतिक पहचान भी थे। कटिहार के नागरिकों के लिए यह एक गौरव का क्षण होने वाला था, जब राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति को मंच देने जा रही थी।
नागरिकों की नाराज़गी भी सामने आई
कार्यक्रम टलने से लोगों में निराशा का माहौल है।
एक स्थानीय शिक्षक ने सोशल मीडिया पर लिखा: हमारे बच्चों ने हफ्तों से तैयारी की थी। कविता, स्वागत गीत, परेड सब कुछ। अब सब अधूरा रह गया।
क्या थी प्रशासन की तैयारी?
- पूरे परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम थे
- सांस्कृतिक मंच तैयार था
- स्कूली बच्चों, साहित्यकारों और आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की गई थी
- प्रतिमा को मंचित करने के लिए फूलों और पारंपरिक रंगों से सजाया गया था
लेकिन मौसम की एक चाल ने इन सारी तैयारियों को बहा दिया।
अगली तिथि की घोषणा की जाएगी, लेकिन लोगों के मन में सवाल है कि क्या मुख्यमंत्री फिर उसी भावना के साथ कटिहार आएंगे? क्या अनूप लाल मंडल की वह अधूरी श्रद्धांजलि दोबारा उसी उत्साह से पूरी हो सकेगी?
एक स्मृति जो और गहरी हो गई
भले ही प्रतिमा का अनावरण नहीं हो सका, लेकिन अनूप लाल मंडल की स्मृति, उनकी लेखनी और उनका योगदान कटिहार के लोगों के दिलों में और भी गहराई से बस गया है।