अररिया में अवैध खनन पर बड़ा खुलासा, सरकारी अधिकारी ही उठा रहे सिस्टम पर सवाल

 

Bihar News: बिहार सरकार की सख्त घोषणाओं के बावजूद अररिया जिले के फारबिसगंज में अवैध खनन का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हैरानी की बात यह है कि अब इस गड़बड़ी को उजागर करने वाला कोई आम नागरिक नहीं, बल्कि खुद एक सरकारी अधिकारी सामने आया है। मामले में खनन विभाग और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

दरअसल, फारबिसगंज क्षेत्र में नहरों से बड़े पैमाने पर मिट्टी की अवैध कटाई की जा रही है। इस पूरे मामले का खुलासा सिंचाई विभाग के एसडीओ संजीव कुमार ने किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अवैध खनन की जानकारी उन्होंने कई बार खनन विभाग को दी, लेकिन हर बार शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया।

सूचना देने पर भी नहीं हुई कार्रवाई

एसडीओ संजीव कुमार के अनुसार, नहरों से मिट्टी काटे जाने से सिंचाई व्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने समय-समय पर विभागीय स्तर पर इसकी सूचना दी, लेकिन खनन विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि अवैध खनन रोकने के प्रयास के दौरान उन पर हमला भी किया गया, बावजूद इसके मामला दबा दिया गया।

इनाम की घोषणा पर उठे सवाल

गौरतलब है कि उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अवैध खनन की सूचना देने वालों को इनाम देने की घोषणा की है। लेकिन फारबिसगंज की स्थिति इस दावे पर सवाल खड़े कर रही है। जब एक विभागीय अधिकारी की शिकायत पर ही कोई कार्रवाई नहीं होती, तो आम नागरिक की सूचना पर क्या कार्रवाई होगी, इसे लेकर लोग संशय में हैं।

पुलिस और खनन विभाग घेरे में

इस पूरे मामले में पुलिस और खनन विभाग दोनों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध खनन खुलेआम चल रहा है, लेकिन जिम्मेदार विभाग आंख मूंदे बैठे हैं। अब जब खुद सरकारी अधिकारी सामने आकर पूरे सिस्टम की पोल खोल रहे हैं, तो प्रशासन की जवाबदेही और भी बढ़ गई है।

फिलहाल देखना होगा कि इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन और खनन विभाग कोई ठोस कदम उठाता है या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाता है।

रिपोर्टर: अरुण कुमार, अररिया