बिहार में बढ़ रहा अपराध, आंकड़े दे रहे गवाही, हर दिन हो रही 8 हत्याएं
बिहार में लगातार अपराध बढ़ रहा है अपराधी अलग- अलग तरीकों से वारदात को अंजाम दे रहे है. द बिहार चैप्टर वेब सीरीज तो आपने देखी ही होगी. जिसका फेमस डायलॉग है ठोंक देंगे कट्टा कपार में... आइए न हमरा बिहार में... यह सुनते ही 90 के दशक में गोलियों की तड़तड़ाहट की याद आ जाती है. बिहार में एक बार फिर ऐसा ही ट्रेंड चल रहा है. गांव हो या शहर बात-बात में ठांय-ठांय हो रहा है. घर से लेकर सड़क तक अपराधी गोली मारकर हत्या कर रहे हैं. बालू और शराब माफिया का बड़ा सिंडिकेट आड़े आने पर पुलिसकर्मियों को वाहनों से रौदने में भी देर नहीं कर रहा.
इस साल अक्टूबर माह तक बिहार में 2418 की हत्याएं हुई मतलब रोज 8 लोगों की जान गई. वहीं एनसीआरबी की वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में कर्तव्य के दौरान 1341 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, इसमें सिर्फ बिहार में 68 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. घायल पुलिसकर्मियों के मामले में बिहार देश के टॉप-6 राज्यों में शामिल है. इस साल अक्टूबर तक डकैती की 181 घटनाएं हुई. हर दिन औसतन 6 डकैती की घटनाएं हुई. इसी तरह इन 10 महीनों में लूट की 1904, रोड डकैती की 85, सड़क लूट की 1676 और बैंक डकैती की 12 और बैंक लूट की 9 घटनाएं हुई.