छठ पर्व के दौरान भिड़े महागठबंधन और NDA समर्थक, महागठबंधन समर्थित गाना बजाने को लेकर मचा बवाल- लाठी-डंडों से जमकर हुई मारपीट, पांच लोग घायल
Bihar news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान अभी बाकी है, लेकिन नालंदा में सियासी रंजिशें हिंसक रूप ले चुकी हैं। ताजा मामला सिलाव थाना क्षेत्र के कदमतर, गुरुदयाल बिगहा और खेमजी बिगहा गांवों का है, जहां महागठबंधन समर्थित चुनावी गाना बजाने को लेकर महागठबंधन और NDA समर्थकों के बीच जमकर लाठी-डंडे चले। इस हिंसक झड़प में कम से कम पांच लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए विम्स, पावापुरी में भर्ती कराया गया है।
छठव्रतियों के जुलूस के दौरान फूटा विवाद
सूत्रों के अनुसार, घटना उस समय हुई जब छठव्रती अपने गांव ट्रैक्टर से लौट रहे थे। रास्ते में महागठबंधन प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार गीत बजाने को लेकर विवाद छिड़ गया। गांव के ही कुछ लोगों ने गाने का विरोध किया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच कहासुनी से मामला मारपीट तक पहुंच गया। गवाहों का कहना है कि छठ घाट पर ही विवाद की शुरुआत हुई थी, लेकिन गांव लौटने के दौरान हिंसा और बढ़ गई, जिससे स्थिति पूरी तरह से बेकाबू हो गई।
पुलिस की मौजूदगी में भी बढ़ा तनाव
विवाद बढ़ता देख ग्रामीणों ने डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की। हालांकि, तनाव तब फिर भड़क गया जब गुरुदयाल बिगहा और खेमजी बिगहा के कुछ लोगों ने घर लौटते समय कदमतर गांव के ग्रामीणों पर हमला कर दिया।पुलिस की मौजूदगी में भी दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडे, लात-घूंसे और पत्थर चले, जिससे कई लोग घायल हो गए।
पांच लोग अस्पताल में भर्ती
घटना में घायल हुए लोगों की पहचान बौली देवी, कन्हैया कुमार, गोलू कुमार, सौरभ कुमार और नीतीश कुमार के रूप में की गई है। सभी को इलाज के लिए विम्स, पावापुरी में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
पुलिस ने संभाली स्थिति
घटना की सूचना मिलते ही सिलाव थाना अध्यक्ष मुरली मनोहर आज़ाद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को किसी तरह शांत कराया। थानाध्यक्ष ने बताया कि “घटनास्थल का निरीक्षण कर लिया गया है, मामले की जांच जारी है। दोनों पक्षों से पूछताछ की जा रही है। स्थिति अब नियंत्रण में है।”
चुनावी माहौल में बढ़ती संवेदनशीलता
घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि चुनाव से पहले बिहार का माहौल कितना संवेदनशील होता जा रहा है। छठ जैसे पावन पर्व के दौरान भी राजनीतिक नारों और प्रचार गीतों को लेकर तनाव का माहौल बन जाना बताता है कि गांवों में गठबंधन की सियासी प्रतिस्पर्धा अब भावनाओं से जुड़ गई है।
रिपोर्टर: मो. महमूद आलम, नालंदा