मोतिहारी में ‘नेतागिरी’ पर भारी पड़ा नशा, पैरवी करने गए जनप्रतिनिधि खुद पहुंचे सलाखों के पीछे
मामला पिपरा थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि विशुनपुरा पंचायत के पंचायत समिति सदस्य मनीष कुमार एक आरोपी को छुड़ाने के लिए थाने पहुंचे थे, जो हत्या के प्रयास के आरोप में हिरासत में था। लेकिन जैसे ही नेताजी थाने परिसर में पहुंचे, उनका संतुलन बिगड़ने लगा और लड़खड़ाते कदमों ने पुलिस का ध्यान खींच लिया।
मेडिकल जांच में हुआ खुलासा
पुलिस ने तुरंत उन्हें हिरासत में लेकर मेडिकल जांच कराई, जहां शराब सेवन की पुष्टि हो गई। इसके बाद पुलिस ने बिना किसी दबाव के मद्य निषेध कानून के तहत पंचायत समिति सदस्य को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी का सख्त संदेश
मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात ने साफ शब्दों में कहा कि कानून सभी के लिए बराबर है।
उन्होंने कहा, “शराब पीकर थाने आने या अपराधियों की अवैध पैरवी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो।”
इलाके में चर्चा का विषय
घटना के बाद पूरे इलाके में चर्चा का माहौल है। लोग इसे कानून के राज की मिसाल बता रहे हैं, जहां जनप्रतिनिधि होने के बावजूद किसी को रियायत नहीं दी गई। फिलहाल आरोपी पंचायत समिति सदस्य को जेल भेजने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि बिहार में शराबबंदी कानून और कानून व्यवस्था को हल्के में लेना अब किसी के लिए आसान नहीं रहा।
रिपोटर: प्रशांत कुमार, मोतिहारी