इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में एक नवजात का शव मॉर्चरी में रखकर भूला कर्मचारी
मध्य प्रदेश के इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में गुरुवार को मानवता को शर्मसार करने वाली एक और तस्वीर सामने आई हैं. अंतिम संस्कार के इंतजार में कंकाल बन चुके शव के मामले में अभी जांच भी पूरी नहीं हुई हैं कि एक ऐसी ही घटना फिर से सामने आई हैं. जी हां अब एक नवजात का शव मॉर्चरी में रखकर कर्मचारी भूल गया.
आपको बता दे कि नवजात की 5 दिन पहले ही मौत हो चुकी हैं, तब से ही शव इसी हालत में पड़ा हैं. दरअसल इस नवजात शिशु की मृत्यु 12 सितंबर को ही हो चुकी है, लेकिन नवजात शिशु के पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई और अस्पताल का स्टाफ बच्चे के शव को फ्रीजर में रखकर भूल गया. वही बच्चे के शव का वीडियो वायरल होने के बाद हॉस्पिटल में जैसे हड़कंप सा मच गया.
वही दूसरी ओर हॉस्पिटल के जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया हैं बता दे इस पूरे मामले में इंदौर कमिश्नर के निर्देश पर एसआईटी की टीम ने एमवाय अस्पताल और मॉर्चरी रूम का दौरा किया. असिस्टेंट कमिश्नर रजनीश सिंह, एसडीएम आलोक खरे, नोडल अधिकारी अमित मालाकार, एमवाय के कर्मचारियों से की पूछताछ के बाद मीडिया से बात करते हुए असिस्टेंट कमिश्नर रजनी सिंह ने कहा कि 3 माह के नवजात शिशु का स्टाफ की लापरवाही के चलते पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी 4 सप्ताह में जवाब मांगा हैं.