दर्दनाक हादसा: ठंड से बचाव बना काल, गया में बोरसी के धुएं से दो मासूमों समेत महिला की मौत, गांव में मातम
Gaya News: बिहार के गया जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां ठंड से बचने के लिए जलाई गई बोरसी ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। वजीरगंज थाना क्षेत्र के कुर्किहार स्थित एकता ग्राम में बोरसी के धुएं से दम घुटने के कारण एक महिला और उसके दो मासूम नाती-नतिन की मौत हो गई। इस हादसे के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
मृतकों की पहचान गांगो मांझी की पत्नी मीना देवी, उनके नाती सुजीत कुमार और नातिन अंशु कुमारी के रूप में हुई है। परिजनों के मुताबिक, कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए मीना देवी ने रात में कमरे के अंदर बोरसी जलाई थी। ठंड अधिक होने के कारण किवाड़ और खिड़कियां बंद थीं, जिससे बोरसी से निकलने वाला धुआं कमरे में ही भरता चला गया।
रात के दौरान जब घर के अन्य सदस्यों को कोई हलचल नहीं दिखी, तो उन्होंने दरवाजा खोला। अंदर का मंजर देखकर सभी के होश उड़ गए। नानी और दोनों मासूम बच्चे बेसुध हालत में पड़े थे। आनन-फानन में तीनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही वजीरगंज थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मौत का कारण बोरसी के धुएं से दम घुटना ही प्रतीत हो रहा है, हालांकि सभी पहलुओं पर छानबीन की जा रही है।
इस दर्दनाक हादसे के बाद एकता ग्राम में मातम पसरा हुआ है। बताया जा रहा है कि बच्चों की मां काजल देवी हाल ही में मायके आई थीं और इसी दौरान यह अनहोनी हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठंड के मौसम में बोरसी के इस्तेमाल से पहले सावधानी बेहद जरूरी है, क्योंकि ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, बावजूद इसके लोग सबक नहीं ले रहे।
यह घटना एक बार फिर चेतावनी देती है कि ठंड से बचाव के उपाय अगर सतर्कता के बिना किए जाएं, तो वे जानलेवा साबित हो सकते हैं।