डीसीजीआई ने सर्वाइकल कैंसर के पहले स्वदेशी टीके को दी मंजूरी
 

Report: Sakshi 
 

देश की लाखों-करोड़ों महिलाओं के लिए एक बेहद खुशी की बात सामने आई है. खुशी की बात ये है कि सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट की क्वाड्री वेलेंट ह्यूमन पेपिलोमावायरस वैक्सीन को डीसीजीआई की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने हरी झंडी दे दी है. इसके साथ ही ये वैक्सीन अब जल्दी ही बाजार में उपलब्ध होने वाली है. इस दवा की खास बात ये है कि ये पहली मेडिसिन है ,जो पूरी तरह से अपने देश का है. 

 

आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में एसआईआई के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने 8 जून को डीसीजीआई के सामने क्यूएचपीवी वैक्सीन की मंजूरी के लिए आवेदन किया था. वहीं  इस आवदेन में उन्होंने कहा कि, क्यूएचपीवी वैक्सीन CERVAVAC ने मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया दिखाई है. दरअसल, डीसीजीआई ने फिलहाल 9 वर्ष से 26 वर्ष उम्र के सर्वाइकल कैंसर के रोगियों के लिए इस वैक्सीन की बाजार में ब्रिकी की सिफारिश की है.  

बता दें सर्वाइकल कैंसर को महिलाओं में होने वाली बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है. जबकि ये ब्रेस्ट कैंसर के बाद महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. इतना ही नहीं गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर आमतौर पर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस की वजह से होता है. बताया जा रहा है की CERVAVAC को  इस साल के आखिर तक मार्केट में लॉन्च किया जा सकता है.  क्यूएचपीवी वैक्सीन, भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन होगी जो सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ बनाई गई है. हर साल देश में करीब 122,844 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पहचान होती है और करीब इस बीमारी से 67, 477 महिलाओं की जान चली जाती है.